बेटी ने रचा इतिहास , पिता के शव को बेटी ने मुखाग्नि*

वार मेमोरियल इंटर कॉलेज करणप्रयाग की शिक्षिका ज्योति कांडपाल पंत ने आज इतिहास में बेटियों का गौरव बढ़ाया है। क्षेत्र में पहली बार किसी बेटी ने अपने पिता के शव को कांधा और मुखाग्नि दी। परिजन की मौत पर अक्सर बेटे ही कांधा और मुखाग्नि देते हैं । लेकिन करणप्रयाग निवासी ज्योति कांडपाल ने बेटियों के लिए एक मिसाल पेश की है। जिन्होंने अपने पिता के मृत्यु पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और सारी सामाजिक बेड़ियां तोड़ अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। उनके पिता एडवोकेट पीतांबर दत्त कांडपाल के निधन पर उनकी बड़ी बेटी ज्योति काण्डपाल ने अपने पिता को दी मुखाग्नि ।लंबे समय से बीमार चल रहे थे । 84 साल की आयु में निधन हुआ। अपने पीछे दो बेटियां ज्योति, प्रतिभा और पत्नी दीपा काण्डपाल को छोड़ गए । बतादे पीडी कांडपाल इंटर कॉलेज में भूगोल के प्रवक्ता रहे। लेकिन देश सेवा के जज्बे के बाद वो एसएसबी में सीओ के पद पर अपनी सेवाएं दी।