तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के खुले कपाट
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट आज सुबह 11.30 बजे ज्येष्ठ माह अश्विनी नक्षत्र, त्रयोदशी तिथि में विधि-विधान से खोल दिये गये हैं। कपाट खुलने से पूर्व भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली आज प्रातः 9 बजे चोपता से तुंगनाथ पहुंची। उत्सव डोली को मंदिर परिसर में रखा गया। उत्सव डोली 18 मई को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से रवाना हुई थी। आज प्रात:10.30 बजे से कपाट खुलने पूर्व पूजन एवं भैरवनाथ जी का आवह्वान किया गया। दिन में 11.30 बजे तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट खोल दिये गये। श्री तुंगनाथ जी का मंदिर समुद्र तल से 12070 फीट ऊंचाई पर स्थित हैं।सभी मंदिरों में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है। इस अवसर पर शोसियल डिसटेंसिंग का पालन किया गया तथा मास्क पहने गये। देवस्थानम बोर्ड, हक हकूकधारी एवं प्रशासन के चुनिंदा प्रतिनिधि इस अवसर पर मौजूद रहे। कपाट खुलने के पश्चात बाबा की समाधि पूजा, रूद्राभिषेक एवं जलाभिषेक किया गया। तथा जन कल्याण की कामना की गयी। बाबा तुंगनाथ मंदिर में
भगवान तुंगनाथ का प्रथम रूद्राभिषेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ से संपन्न किया गया। इस अवसर पर पुजारी सतीश मैठाणी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवान, तहसीलदार जयबीर राम बधाणी, मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी एवं प्रबंधक प्रकाश पुरोहित मौजूद रहे। श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुलने के साथ ही अब उत्तराखंड के चार धामों सहित पंच बदरी एवं पंच केदार के कपाट ग्रीष्मकाल हेतु खुल गये है। कोरोना महामारी से बचाव हेतु अभी चारधाम यात्रा शुरू नहीं की गयी है। प्रदेश के पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल जी महाराज का कहना है कि महामारी समाप्त होने के पश्चात शीघ्र चार धाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद है।
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