लॉकडाउन के कारण परिवहन निगम की बसों के चक्के जाम

कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है. लॉकडाउन के कारण राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में बसों के चक्के जाम हैं. जिसके चलते उत्तराखंड परिवहन निगम के कोटद्वार डिपो को लगभग 8 करोड़ 54 लाख रुपए का घाटा हुआ है। कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार कहा जाता है। गढ़वाल के लोगों को मैदानी क्षेत्र तक छोड़ने के लिए कोटद्वार डिपो की बसों की अहम भूमिका रहती है. वर्तमान में कोटद्वार डिपो के बेड़े में 74 छोटी बड़ी बसें हैं। ऐसे में अप्रैल और मई माह में यात्रियों का आवागमन अधिक रहता है। इसके साथ ही बाहरी राज्यों में गर्मियों के समय स्कूलों की छुट्टियां पड़ जाती हैं और गढ़वाल में शादी-विवाह भी अधिक होता है. जिस कारण यात्रियों को बाहरी राज्यों से कोटद्वार लाने और विभिन्न क्षेत्रों में छोड़ने में कोटद्वार डिपो की बसों का अहम योगदान रहता है.ऐसे में प्रतिदिन की आय करीब 14 लाख के लगभग होती है. लेकिन, देश में लॉकडाउन के कारण कोटद्वार डिपो को प्रतिदिन लाखों रुपए का घाटा झेलना पड़ रहा है. वहीं कोटद्वार डिपो को इस घाटे से उबरने के लिए अभी काफी समय और इंतजार करना पड़ सकता है.पढ़ें-कोरोना वायरस लाखों अफ्रीकियों को गरीबी की ओर धकेल स्कता है : यूएन प्रमुखवहीं डिपो के सहायक प्रबंधक टीकाराम आदित्य ने बताया कि कोटद्वार डिपो के बेड़े में इस समय 58 बसें परिवहन निगम की हैं. जबकि, 16 बसें अनुबंधित हैं कुल 74 बसें कोटद्वार डिपो में मौजूद हैं. लेकिन, देश में प्राकृतिक आपदा के कारण लॉकडाउन है. जिसके कारण बसों के चक्के जाम है.