अन्य राज्य के प्रवासी मजदूर देख रहे घर वापसी की राह
मसूरी में भी अन्य जगहों की तरह ही प्रवासी मजदूरों के सामने अपना घर जाने को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसमे नेपाल जाने वाले 90 और छत्तीसगढ़ जाने वाले 19 मजदूरों की कोई सुनने वाला नही है । दरसल, छत्तीसगढ जाने वाले 19 मजूदरों को गांधी चौक पर बुलाने के बाद भी सुबह 6 बजे से लेकर सांय तक बस का इंतजार करना पड़ा,जिससे मजूदरों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष, जोत सिंह बिष्ट के सामने अपनी परेशानियों का जिक्र किया।
इस मौके पर छतीसगढ के रहने वाले सीताराम तिरकी व अमित कुमार बड़ा ने रोते हुए बताया कि पुलिस द्वारा उन्हें सुबह 6 बजे करीब यहां पर बुलाया गया था,लेकिन 10 घंटे बीत जाने के बाद भी उनके वापस जाने की कोई व्यवस्था नहीं की,पूरे दिन भूखे प्यासे यहां पर बस का इंतजार करते रहे,लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप भी लगाया। इस मौके पर जोत सिंह विष्ट ने कहा कि लॉकडाउन के बाद मजदूर वर्ग सड़कों पर है। कोई व्यवस्था नहीं की गई और नहीं उनकी कोई सुध ली,साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना के नियंत्रण को लेकर पूरी तरह से फेल है। मजदूर सुबह से भूखे प्यासे बस का इंतजार करते रहे,लेकिन उनके जाने की व्यवस्था नहीं की गई।