प्रवासियों ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों की बदल रहे तस्वीर
वैश्विक महामारी कोरोना के इस आपदा काल में उत्तराखंडी प्रवासी भारी तादाद में अपने-अपने पैतृक गांव की ओर आने शुरू हो गए हैं। बाहर से आने वाले सभी प्रवासियों को क्वारिंटीन करने के लिए पंचायत घरों और विद्यालयों को सरकार द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया है,
बाहर से आने वाले प्रवासियों को पंचायत घरों और प्राथमिक से लेकर इंटर कॉलेजों में क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है,। नरेंद्र नगर विधानसभा में स्थित प्राथमिक विद्यालय चल्डगांव में 14 दिनों के लिए क्वारिंटीन हुए 6 युवाओं ने बिना रंग रोगन के बदरंग हुए विद्यालय में ऐसी जान डाली कि विद्यालय की कायापलट ही हो गयी,
गोविंद सिंह,अजय पाल सिंह, नरेंद्र सिंह, राकेश चंद्र ,सुरेंद्र सिंह और राजेंद्र सिंह चंडीगढ़ और मुंबई में नौकरी करते थे। ये छह के छह युवा कोरोना महामारी में घर आए हैं यह भी एक इत्तेफाक है। कि ये सभी चिल्ड गांव के ही रहने वाले हैं और प्राथमिक स्तर की शिक्षा दीक्षा इन्होंने इसी विद्यालय से ली है। वर्षों-वर्षों के बाद अपने बचपन के प्राथमिक विद्यालय में क्वारिंटीन हुए ,इन युवाओं ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक अर्जुन राणा से रंग रोगन उपलब्ध कराने को कहा, अध्यापक राणा ने, आवश्यक सामग्री इन युवाओं को उपलब्ध कराई। इन सभी युवाओं ने विद्यालय में शानदार स्लोगन लिखकर, रंग रोगन करके तथा कीचन गार्डन की निराई गुड़ाई करने के साथ फुलवारी को सींच कर विद्यालय की कायापलट करके रख दी है। इनके कुछ दिनों की कड़ी मेहनत ऐसा रंग लाई कि विद्यालय शिक्षा का प्रकाश पुंज लगने लगा है । गांव ही नहीं आसपास के क्षेत्र के लोग भी इन युवाओं के मेहनत के मुरीद हो चले हैं इन युवाओं ने दिखा दिया कि यदि प्रबल इच्छा शक्ति और मन में काम करने का जुनून हो तो कठिन से कठिन काम भी आसान लगने लगते हैं,गांव और क्षेत्र के लोग युवाओं के प्रेरणा प्रद कार्य की सराहना कर रहे है
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