देवस्थानम बोर्ड मामले में हाईकोर्ट से राज्य सरकार को मिली बड़ी राहत

बद्री- केदारनाथ मंदिर समेत 51 अन्य दूसरे मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड में शामिल करने के मामले में कोर्ट से राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी जिसमे स्वामी ने देवस्थानम बोर्ड को असंवैधानिक बताया था कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाते हुए साफ तौर से कहा है मंदिरों का स्वामित्व मंदिरों के पास रहेगा। सरकार के केवल मंदिरों का मैनेजमेंट करेगी।
राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम असंवैधानिक है। याचिका में यह भी कहा गया है कि देवस्थानम् बोर्ड के माध्यम से सरकार द्वारा चारधाम व 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों व मंदिरों के पुजारियों में भारी रोष पैदा हो गया था। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि पूर्व में कुछ अन्य राज्यों ने भी इस तरह के निर्णय देवस्थान अमित को खत्म करने की मांग की है। जिसके बाद देहरादून की रूलर लिटिगेशन संस्था ने हाई कोर्ट में प्राथन पत्र दायर कर सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका का विरोध करा और कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार के द्वारा बनाया गया एक्टर पूरी तरह से सही है और सरकार द्वारा बनाए गए एक्ट से किसी भी धर्म के लोगों को ठेस नहीं पहुंचती लिहाजा सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका को खारिज किया जाए।