कोविड-19 के चलते इस बार फीकी पड़ी उर्स त्यौहार की रौनक

सूफ़ीसन्तो की नगरी पिरान कलियर में विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के सालाना उर्स को लेकर प्रत्येक वर्ष झंडा परचम कुसाई की रस्म को अंजाम दिया जाता है, उक्त झंडे को बरेली शरीफ़ से एक पैदल जत्था पिरान कलियर लेकर पहुँचता है लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते मात्र 11 अकीदतमंदों का जत्था अपने वाहनों से झंडा लेकर पिरान कलियर पहुँचा जहां दरगाह नायब सज्जादा नशीन अली शाह मियां समेत अन्य सूफियों ने जत्थे के स्वागत किया। आस्था की नगरी पिरान कलियर स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक के सालाना उर्स का आगाज झंडा परचम कुसाई (फहराना) के साथ होता है, प्रत्येक वर्ष सैकड़ो लोग एक जत्थे के रूप में बरेली शरीफ से पैदल झंडा लेकर आते है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते मात्र 11 लोगो का जत्था बरेली शरीफ से पिरान कलियर पहुँचा, जहां सूफ़ीसन्तो के साथ दरगाह नायब सज्जादा नशीन शाह अली एजाज़ साबरी ने जत्थे का फूल मालाओं से स्वागत किया। इसके बाद अकीदतमंद दरगाह साबिर पाक के मुख्य द्वार पहुँचे।
नायब सज्जादा नशीन शाह अली एजाज़ साबरी ने बताया प्रत्येक वर्ष बरेली शरीफ से झंडा लेकर अकीदतमंदों का जत्था पिरान कलियर आता है जिसके बाद दरगाह के मुख्य द्वार पर झंड़ा कुसाई (फहराना) की रस्म को अदा किया जाता है और उर्स का आगाज हो जाता है। इस बार कोविड-19 के चलते बरेली शरीफ से 11 लोगो को जत्था अपने वाहनों से झंडा लेकर पिरान कलियर पहुँचा है। आज देर शाम झंडा कुसाई की रस्म को अंजाम दिया जाएगा। वही झंडा कमेटी के प्रवक्ता कमाल साबरी ने बताया कि इस बार 11 लोगो का जत्था झंडा लेकर आया है। वह पिछले 30 सालों से झंडा लेकर पिरान कलियर आरहे है। कोविड-19 के मद्देनजर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही झंडा लेकर आए है।