महिलाओं की सामुहिक भागीदारी ने स्वरोजगार का नया उदाहरण किया पेश

रूद्रप्रयाग: उत्तराखंड के गांवों से बड़ी संख्या में रोजगार की तलाश में लोगों ने पलायन किया हुआ है, हालाकि कोरोनाकाल में बड़ी संख्या में प्रवासी वापस लौटे हैं लेकिन कोरोना से देश अनलाक होने के बाद वे एक बार पुन मैदानी क्षेत्रों में लौटने लगे है, लेकिन जिस गाँव की आज हम बात कर रहे हैं वहां महिलाओं की सामुहिक भागीदारी ने स्वरोजगार का एसा नायाब उदाहरण पेश किया है जो हर किसी के लिये प्रेरणा है। अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कमेडा के धुयेली की 20 परिवार की महिलाओं ने सामुहिक रुप से सब्जी उत्पादन कर स्वरोजगार के क्षेत्र में अपनी आर्थिकी मजबूत की है। पिछले वर्ष रिलायंस फाउंडेशन ने यहाँ की महिलाओं के साथ बैठक कर उन्हें सब्जी उत्पादन की ओर प्रेरित किया तो महिलाओं ने भी हामी भरी और फिर महिलाओं के समूह बनाकर इस सोच को व्यवहार में उतारने का बीड़ा शुरू हो गया। रिलायंस फाउंडेशन और ग्रामीणों के आपसी समन्वय से स्वरोजगार की दिशा में यह कदम सफल हो गया।
कहते हैं जब किसी कार्य को करने की दिशा सही मिले तो सफलता हाथ अवश्य लगती है। जिन खेतों में कभी अपने खाने लायक भी सभी नही होती थी वहाँ प्रत्येक परिवार ने 20-25 हजार रूपये की आमदनी हुई, जबकि इस बार और अधिक क्षेत्रफल में इस कारोबार को ग्रामीणों ने बढ़ा दिया है। हालांकि इस कार्य में उद्यान विभाग और मुख्य विकास अधिकारी का भी बड़ा योगदान रहा। जंगली जानवरों से सब्जी की सुरक्षा के लिए जहां घेरबाड़ मनरेगा के तहत की गई तो वही बीज आदि उद्यान विभाग द्वारा मुहैया करवाया गया।