नैनीताल– उत्तराखंड हाई कोर्ट ने दून इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस द्वारा बड़ी हुई फीस न जमा करने पर मुख्य परीक्षा में छात्रों को बैठने से रोके जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खंडपीठ ने विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए उन्हें बची हुई मुख्य परीक्षा में बैठाने के आदेश जारी किए हैं। दून इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस द्वारा एक आदेश जारी कर के BAMS के छात्रों का शुल्क 80,000 से बढ़ाकर 2,15,000 कर दी गई थी जिसके विरुद्ध विद्यार्थियों ने मा. उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की। जिसमें पूर्व में उच्च न्यायालय ने अपीली प्राधिकरण के आदेशों को असवैधानिक ठहराते हुए रोक लगा दी थी। परन्तु महाविद्यालय ने इन आदेशों को ताक पे रखते हुए विद्यार्थियों से बढ़ा हुआ शुल्क वसूलता रहा एवं जिन छात्रों ने इसका विरोध किया उनको पूरक एवं मुख्य परीक्षा से रोक दिया गया। जिसके विरुद्ध मा. उच्च न्यायालय ने विद्यार्थियों को 50,000 शुल्क जमा करने का आदेश दिया एवं कॉलेज प्रशासन से विद्यार्थियों को पूरक एवं मुख्य परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करते हुए महाविद्यालय ने विद्यार्थियों को अक्टूबर 2020 की मुख्य परीक्षा में बैठने से रोक दिया।