मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया डोबरा-चांठी ब्रिज का उद्घाटन

टिहरी: टिहरी झील पर बना देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा-चांठी जनता को समर्पित कर दिया गया है। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इसके साथ करीब ढाई लाख की आबादी का 14 सालों का इंतजार भी खत्म हो गया है।
डोबरा-चांठी वासियों की समस्याओं को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार में इस पुल को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा। कई सालों से निर्माणाधीन पुल के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने एकमुश्त बजट जारी किया। जिसका परिणाम भी जनता के सामने है। इस पुल की क्षमता 16 टन भार सहन करने की है। इसकी उम्र करीबन 100 साल तक बताई जा रही है। पुल की चौड़ाई 7 मीटर है। जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई 5.5 मीटर और फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है। इसके निर्माण में करीब 3 अरब रुपये खर्च हुए हैं।
साल 2006 में डोबरा-चांठी पुल का निर्माण शुरू हुआ। लेकिन काम के दौरान कई उतार-चढ़ाव और समस्याएं सामने आने लगी। गलत डिजाइन, कमजोर प्लानिंग और विषम परिस्थितियों के चलते साल 2010 में इस पुल का काम बंद हो गया था। साल 2010 में पुल के निर्माण में लगभग 1.35 अरब खर्च हो चुके थे। दोबारा साल 2016 में लोक निर्माण विभाग ने 1.35 अरब की लागत से इस पुल का निर्माण कार्य शुरू कराने का निर्णय लिया। जो 2020 में बनकर तैयार हुआ।डोबरा-चांठी पुल पर 5 करोड़ रुपये की लागत से पुल को फसाद लाइट से भी सजाया गया है। क्योंकि, फसाद लाइट कोलकाता के हावड़ा ब्रिज की तर्ज पर लगाई गई हैं। जिसमें रंग-बिरंगी जगमगाती लाइटें लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी। साथ ही यह आकर्षक का केंद्र भी बना हुआ है।