वन विभाग ने लकड़ी तस्करों को पहुँचाया फायदा, सूचना के अधिकार में हुवा खुलासा
कोटद्वार। कोटद्वार रेंज के उलूल-जुलूल कारनामे थमने के नाम नहीं ले रहे हैं। एक के बाद एक मामला कोटद्वार रेंज के खुलते जा रहे है। सूचना के अधिकार से एक नया मामला कोटद्वार रेंज में देखने को मिला। जहां पर फर्जी हस्ताक्षर कर कई ट्रक चीड़ की लकड़ी की निकासी दे दी गई। यह मामला सूचना के अधिकार में उजागर हुआ। जब प्रार्थी के द्वारा लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के कण्वाश्रम बीट के ईडा मल्ला व तल्ला में नाप खेत में चीड़ के पेड़ों की पातन की स्वीकृति के साथ-साथ दी गई निकासी की सत्यापित छायाप्रति मांगी गई।तो सूचना के अधिकार में प्राप्त सत्यापित छाया प्रति लिपियों में स्पष्ट हुआ कि फर्जी हस्ताक्षर से कई ट्रक चीड के पेड़ों की निकासी हुई है। आपको यह भी बताना जरूरी है, कि कोटद्वार रेंज की कण्वाश्रम बीट मैं विगत 18 फरवरी 2022 को अवैध पातन की शिकायत पर वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा काश्तकारों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी। उस दौरान रेंज के कर्मचारियों ने हवाला दिया था कि 11 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण काश्तकारों ने अवैध पातन की घटना को अंजाम दिया।
लेकिन पूरी घटना में एक नया ही खेल देखने को मिला। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक 11 फरवरी से 16 फरवरी तक चुनाव ड्यूटी में कर्मचारियों की व्यस्थता दिखाई गई, लेकिन रेंज से कास्तकारों को 15 और 16 फरवरी को दो ट्रकों की निकासी जारी की गई। अब पूरे प्रकरण में मामला समझ में नहीं आ रहा है कि कोटद्वार रेंज में तैनात अधिकारी और कर्मचारी क्या चुनाव ड्यूटी में व्यस्त थे या लकड़ी तस्करों की सेवा में, मामला समझ से बाहर है।