*नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस*
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस, मादक पदार्थों के सेवन और अवैध मादक पदार्थों के व्यापार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस 26 जून को मनाया जाता है। यह 1989 के बाद से 26 जून को वार्षिक रूप से मनाया जाता है। इसका उद्देश्य नशीली दवाईयों तथा अवैध दवाईयों के प्रति जनमानस को जागरूक करना।
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देश के युवाओं को संदेश देते हुये कहा कि ’’वर्तमान समय में अधिकांश युवा नशे की गिरफ्त में जा रहें हैं। युवा हमारे देश की संपत्ति हैं; हमारे देश का युवा हमारा बहुमूल्य खजाना है अतः युवाओं को नशीले पदार्थों के सेवन के प्रति संवेदनशील करना होगा।कोरोना वायरस के कारण देश में लाॅकडाउन के समय शराब की दुकानें बंद थी। कुछ दिनों बाद सरकार ने दुकानें खोली तो लोग शराब खरीदने के लिये छः सात घन्टे लाइन में लगे रहे। क्या नशा है शराब का! जिसके आगे मृत्यु का डर भी छोटा पड़ गया। एक बोतल शराब के लिये लोग कतार में जिंदगी लेकर खड़े हो गये, ऐसे में मौत का डर तो वहम था परन्तु आज नशा जिंदगी से बड़ा हो गया। नशे के कारण परिवार में बिखराव, अलगाव और सामाजिक सम्बंध भी टूटने का खतरा बना रहता है। महिलाओं के लिये सबसे सुरक्षित माना जाने वाला घर ही उनके लिये सबसे असुरक्षित हो जाता है। नशे की लत के कारण कई महिलाओं की हत्या उनके पार्टनर या परिवार के सदस्यों के द्वारा ही कर दी जाती है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान विश्व ड्रग्स दिवस पर आईये अपने कदम कोरोना से करूणा की ओर बढ़ायें। यह करुणा का समय है सबसे पहले तो स्वयं पर करूणा करें, स्वयं को हर तरह के नशे से मुक्त करें और यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति पीछे न छुट जाये, किसी का दिल न टूट जायें। जो भी नशे की गिरफ्त में हैं उन सभी को हमारी मदद की जरूरत है। जो लोग ड्रग्स का उपयोग करते हैं उन तक पहंुचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि नशा करने वालों से घ्रृणा न करें, उनको अपनापन दें, उनके साथ आत्मीयता की भावना से मिलें।
स्वामी जी ने नशा करने वाले युवाओं से कहा कि अपनी प्रतिरक्षा को मजबूत करें, घीरे-धीरे अपनी नशे की आदत को सुधारें ताकि जीवन में बदलाव की लहर आये। उन्होंने कहा कि नशा, नाश करता है। नशा शराब या तम्बाकू में नहीं हमारी सोच में है अतः सोच से नशे को बाहर निकालना होगा। नशा केवल कैंसर का ही कारण नहीं बल्कि दिल की धड़कन को भी रोक देता है। कृपया जिन्दगी चुनें, नशा नहीं।बनशा जानलेवा है, भगवान ने सभी को गिनती की साँसे दी हैं एक सिगरेट पीने से एक साँस कम हो जाती है, एक बीड़ी पीने से दो साँसे कम हो जाती है और एक पैकेट गुटका खाने से चार साँसे कम हो जाती है। सोचो तो सही, क्या हम अपने साथ ही अन्याय नहीं कर रहे हैं। भारत में दस लाख और विश्व स्तर में 70 लाख से अधिक लोग हर साल तम्बाकू और सिगरेट के सेवन से अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। नशा, कैंसर कारक है, अतः अगर जीवन से है प्यार, तो नशे का करें बहिष्कार।
484700 409353I genuinely enjoy seeking at on this web site , it has wonderful content . 456686