राज्य सरकार ने दी बंदर मारने के प्रस्ताव पर अनुमति
देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ रहे बंदरों के आतंक से छुटकारा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने बंदर मारने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। रिहायशी और कृषि क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले बंदरों को मारने का प्रस्ताव उत्तराखंड वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में पास हो गया है। साथ ही सरकार के इस फैसले को लेकर प्रदेशभर में इसकी आलोचना की जा रही है। किसान अपनी फसलों की रक्षा करने के लिए बंदरों को मार सकते हैं. रिहायशी इलाकों में फसलों को नुकसान करने वाले बंदरों को लेकर उत्तराखंड वन विभाग लंबे समय से परेशान है. इसको देखते हुए दूसरी बार वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में बंदरों को मारने का प्रस्ताव पास किया गया है। लेकिन दूसरी तरफ देवभूमि माने जाने वाले उत्तराखंड राज्य में ये फैसला लेना सरकार के लिए काफी परेशानी खड़ी कर सकता है। उत्तराखंड में मौजूदा भाजपा सरकार और भाजपा की ही एक शाखा मानी जाने वाली बजरंग दल के आदर्श माने जाने वाले हनुमान जी से जोड़कर बंदरों को देखा जाता है। ऐसे में बजरंग दल राज्य सरकार के इस फैसले से बेहद नाराज है. देहरादून में बजरंग दल के प्रमुख विकास वर्मा ने सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार इस तरह के फैसले से जरूर अपने ऊपर कोई लांछन लेकर जाएगी। विकास वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्ताव को पास किया गया है लेकिन अगर इस तरह का कोई भी काम प्रदेश में होता है तो बजरंग दल बिल्कुल भी इसे बर्दाश्त करने वाला नहीं है। इस फैसले के लिए भले ही उन्हें सरकार के सामने ही क्यों न खड़ा होना पड़े।उत्तराखंड सरकार ने बंदरों को मारे जाने को लेकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है।। लेकिन संगठन की बात करें तो उत्तराखंड भाजपा आस्था और धर्म से जुड़े इस विषय पर बैकफुट पर नजर आ रही है. उत्तराखंड भाजपा के उपाध्यक्ष और प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने कहा कि फैसला केवल बोर्ड बैठक में लिया गया है लेकिन मंजूरी केंद्र से मिलनी है।
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