भारत और चीन के बीच चौथे चरण में सैन्य बातचीत के बाद पूरी तरीके से पीछे हटी चीनी सेना
नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच चौथे चरण की सैन्य बातचीत के बाद भारतीय सेना ने गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है, और इसके लगातार सत्यापन की जरूरत है।
सेना ने कहा कि भारत और चीन सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की तथा क्षेत्र से सैनिकों की पूर्ण वापसी सुनिश्चित करने के लिये आगे के कदमों पर चर्चा की। कमांडरों के बीच चौथे चरण की वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सीमा के अंदर चुशुल में एक निर्धारित बैठक स्थल पर मंगलवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे शुरू हुई और बुधवार तड़के दो बजे तक चली. इस दौरान सैनिकों की वापसी की जटिल प्रक्रिया के तौर-तीरों को लेकर व्यापक चर्चा की गई.भारतीय सेना ने एक बयान में कहा, ‘वरिष्ठ कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने के पहले चरण के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की क्षेत्र से सैनिकों का पूरी तरह से हटना सुनिश्चित करने के लिये आगे के तरीकों पर चर्चा की गई। बयान में कहा गया, ‘दोनों पक्ष पूरी तरह से पीछे हटने के उद्देश्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह प्रक्रिया ‘जटिल’ है और इसमें लगातार सत्यापन की जरूरत है। वे नियमित कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत के जरिए इसे आगे बढ़ा रहे हैं।’भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृतव लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, जो लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर हैं। जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लियु लिन ने किया, जो दक्षिण शिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर हैं.।
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