लैंसडौन वन प्रभाग का नया मामला आया प्रकाश में, शिकायतकर्ता को बनाया दिया आरोपी
कोटद्वार। कोटद्वार रेंज में नाप खेत की आड़ में खड़े पेड़ो स्वीकृति की आड़ में वन पंचायत व रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध पेड़ों की कटान की शिकायत करना एक युवक को भारी पड़ गया। वन विभाग ने शिकायतकर्ता को आरोपी बना दिया। कोटद्वार रेंज के कण्वाश्रम बीट में नाप खेत की आड़ में कटे साल और चीड के पेड़ो की प्रभागीय वन अधिकारी के निर्देशों पर जांच शुरू हो गई। जांच दो टीमो के द्वारा की जा रही है, एक टीम में कोटद्वार रेंज के रेंजर व दूसरी टीम में लैंसडौन वन प्रभाग की एसओजी टीम के द्वारा जांच की जा रही है। आप को बतादे की कोटद्वार रेंज के कण्वाश्रम बीट में ईडा मल्ला व ईडा तल्ला गांव में विगत नवंबर माह से लकड़ी तस्करों ने नाप खेत में खड़े 61 हरे पेड़ों की परमिशन की आड में वन पंचायत में खड़े साल और चीड़ के पेड़ों पर भी आरी चला दी।
सूत्रों के मुताबिक नाप खेत की आड़ में लकड़ी तस्करों ने रिजर्व फॉरेस्ट में खड़े साल के पेड़ों पर भी सेंधमारी की लेकिन वन विभाग ने रिजर्व फॉरेस्ट को भी वन पंचायत की भूमि बताकर मामले की लीपापोती कर दी। साथ ही लकड़ी तस्करों के इतने हौसले बुलंद हैं कि वह वन विभाग के साथ मिलकर चेक पोस्ट से अपने-अपने ट्रक बिना किसी रोक-टोक के निकाल देते हैं इस ताजा तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वन विभाग लकड़ी तस्करों को किस तरह से अपना संरक्षण दे रहा है तो वहीं पूरे मामले पर लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ अमरीश कुमार का कहना है कि कोटद्वार रेंज में अवैध पातन हुवा है जिसकी जांच हो रही है। जाँच लैंसडौन वन प्रभाग की एसओजी टीम के द्वारा की जा रही है। साथ ही कोटद्वार रेंज के रेंजर भी जांच में जुटे है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या अब वन तस्करों के साथ-साथ कोटद्वार रेंज में तैनात लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही होगी या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा