केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने किया अहम फैसला, त्रावणकोर के शाही परिवार का ही होगा अधिकार
केरल : केरल के 5000 साल पुराने ऐतिहासिक भगवान विष्णु के मंदिर श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर पर त्रावणकोर के शाही परिवार के अधिकार को बरकरार रखा है। इस फैसले पर त्रावणकोर की महारानी गौरी पार्वती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय पद्मनाथ स्वामी की कृपा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मंदिर से जुड़े रीति-रिवाजों में शाही परिवार का अधिकार पूर्ववत बना रहेगा लेकिन मंदिर के मामलों के प्रबंधन वाली प्रशासनिक समिति की अध्यक्षता अब तिरुवनंतपुरम के जिला न्यायाधीश करेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मंदिर से जुड़े रीति-रिवाजों में शाही परिवार का अधिकार पूर्ववत बना रहेगा लेकिन मंदिर के मामलों के प्रबंधन वाली प्रशासनिक समिति की अध्यक्षता अब तिरुवनंतपुरम के जिला न्यायाधीश करेंगे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट द्वारा 31 जनवरी 2011 को दिए गए उस आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें राज्य सरकार से श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रबंधन और संपत्ति पर नियंत्रण लेने के लिए न्यास गठित करने को कहा गया था। उल्लेखनीय है कि यह मंदिर देश के सबसे अधिक संपत्ति वाले मंदिरों में से एक है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर को देश के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है। इस भव्य मंदिर का मौजूदा स्वरूप में पुनर्निर्माण 18वीं सदी में त्रावणकोर शाही परिवार ने करवाया था। त्रावणकोर शाही परिवार 1947 में भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन करता था।
ऐसा माना जाता है कि मंदिर के गुप्त तहखानों में इतना खजाना छिपा हुआ है, जिसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। ऐसे ही छह तहखानों के छह दरवाजे खोले जा चुके हैं लेकिन सातवां दरवाजा अब भी बंद है। इतिहासकार डा. एल.ए. रवि वर्मा के मुताबिक मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है। साल 1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को पद्मनाभ दास घोषित कर दिया। इसके बाद पूरा का पूरा राजघराना मंदिर की सेवा में जुट गया। शाही घराने के अधीन एक प्राइवेट ट्रस्ट मंदिर की देखरेख करता आया है।
मंदिर में 7 गुप्त तहखाने हैं और हर तहखाने से जुड़ा हुआ एक दरवाजा है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक के बाद एक छह तहखाने खोले गए। यहां से कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के सोने-हीरे के आभूषण, हथियार और अन्य संपत्ति मिल चुकी है, जो मंदिर ट्रस्ट के पास जमा कराई गई है। लेकिन आखिरी और सातवें दरवाजे के पास पहुंचने पर दरवाजे पर नाग की भव्य आकृति खुदी हुई दिखी। इसके साथ ही दरवाजा खोलने की कोशिश रोक दी गई। माना जाता है कि इस दरवाजे की रक्षा खुद भगवान विष्णु के अवतार नाग कर रहे हैं
916089 85066never saw a website like this, relaly impressed. compared to other blogs with this write-up this was definatly the best internet site. will save. 435523