जिला प्रशासन से आशा वर्करों ने की 254 आशाओं को बहाली करने की मांग
चंपावत: 254 आशाओं को बर्खास्त करने को लेकर आज आशा वर्कर्स ने जिला प्रशासन और सीएमओ के खिलाफ प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे आशा वर्कर्स का कहना है कि उनके पास स्मार्टफोन नहीं होने के कारण और क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या होने के चलते, उन्हें 2 महीने तक ऑफलाइन एक्टिव सर्विलांस क्षेत्र में कुटुंब सर्वे का काम किया है। वहीं, काम करने के बाद भी जिला प्रशासन ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है।जो फैसला सरासर गलत है।
कुंटुंब सर्वे के अन्तर्गत 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग, गर्भवती महिला और 10 साल से कम उम्र के बच्चों का चिन्हीकरण किया जाता है. आशा वर्कर्स का कहना है कि हमारे पास स्मार्टफोन नहीं है, जिसके चलते वह सर्वे का काम ऑफलाइन कर रही थी। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें सैनिटाइजर और मास्क तक उपलब्ध नहीं कराया गया। पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल और नगर पालिका अध्यक्ष विजय वर्मा ने भी आशा वर्कर्स का समर्थन किया। साथ ही जिला प्रशासन से आशाओं को शीघ्र बहाल करने को कहा।सीएमओ आरपी खंडूरी का कहना है कि कई दौर की वार्ता के बाद भी जब आशाओं द्वारा जब एक्टिव सर्विलांस क्षेत्र में कुटुंब सर्वे का काम नहीं किया। तब जाकर उन्हें अंतिम नोटिस थमाया गया गया है। एक्टिव सर्विलांस क्षेत्र में कुटुंब सर्वे के अन्तर्गत 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग, गर्भवती महिला और 10 साल से कम उम्र के बच्चों का चिन्हीकरण करना था। जो इन लोगों ने पिछले दो माह से नहीं किया। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।