नए क्लेवर और नए तेवरों के साथ इस बार ऋषिकेश नगरी में होगा व्यापार मंडल के चुनाव

ऋषिकेश- व्यापार मंडल के चुनाव में इस बार पारम्परिक रूप से व्यापार करने वाले व्यापारी आपको चुनावी ताल ठोकते हुए नजर ना आए तो हैरान मत होइएगा। यही कड़वी सच्चाई है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में होने वाले नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के चुनाव की जिसकी सुगबुगाहट सदस्यता अभियान के साथ शुरू हो गई है।गढवाल के मुख्य द्वार कहे जाने वाली तीर्थ नगरी ऋषिकेश में व्यापार मंडल के चुनाव बेहद रोचक होने जा रहे हैं ,जिसके चुनावी दंगल में आपको शहर के बड़े बड़े बिल्डर, फाइनेंसर और रसूखदार चेहरे नजर आ सकते हैं। ऐसे में शहर के पारंपरिक व्यापारी सिर्फ कठपुतली के रूप में यहां मतदाता की भूमिका में ही सिमटते हुए नजर आ सकते हैं जिसकी वर्तमान स्थिति को देखते हुए पूरी संभावना बनी हुई नजर आ रही है। इस बार प्रदेश नेतृत्व द्वारा मजबूत व्यापार मंडल के उद्देश्य को लेकर नगर में व्यापार मंडल के चुनाव कराए जा रहे हैं जिसके लिए कोई भी पूर्व नगर पालिका क्षेत्र का व्यापारी जिसके पास जीएसटी नम्बर और व्यापार करने का रजिस्ट्रेशन हो व्यापार मंडल की सदस्यता शुल्क लेकर वोटिंग का अधिकार पा सकता है। जबकि अब तक सिर्फ एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री को ही चुनावी प्रक्रिया में वोटिंग का अधिकार प्राप्त होता था जिसमें महज 72 वोटों से ही प्रत्याशियों का भाग्य तय हो जाते हो जाया करता था। लेकिन इस बार के चुनाव नये क्लेवर और नए तेवरों के साथ लड़े जाएंगे जिसमें करीब 2000 मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग करने की संभावना है। कयास लगाए जा रहे हैं जीत का चंदन लगाने के लिए चुनावी ताल ठोकने वाले रसूखदार पैसे को पानी की तरह बहा कर माहौल को अपने पक्ष में बनाने की पुरजोर कोशिश करेंगे। जातीय समीकरणों पर भी चुनावी ताल ठोकने का मन बना चुके प्रत्याशियों की नजर लगी हुई है । कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस बार व्यापार मंडल के चुनाव में राजनीतिक हस्तक्षेप भी देखने को मिल सकता है। लगे हाथों बताते चलें कि दिसंबर माह के अंत तक व्यापार मंडल के चुनाव संपन्न होने की संभावना जताई जा रही है।