पेपर लीक मामले में उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग भी आया सवालों के घेरे में
UKSSSC Paper Leak मामले में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भी अब सवालों के घेरे में आ गया है। सामने आ रहा है कि तीन साल से बिना अनुमति के आरएमएस कंपनी परीक्षाएं करा रही थी। इस बात के सामने आने से आयोग के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं।
2019 से अनुबंध का नवीनीकरण नहीं हुआ
UKSSSC Paper Leak मामले में सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है कि आयोग की परीक्षा कराने के लिए लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी से अनुबंध हुआ था। यह अनुबंध 2016 में हुआ था। लेकिन इसके बाद 2019 में सिर्फ एक बार कंपनी का अनुबंध नवीनीकरण हुआ, जबकि तीन साल से कंपनी बिना अनुबंध के ही परीक्षा करा रही थी।
UKSSSC Paper Leak: हर साल होना था एजेंसी का चयन
UKSSSC Paper Leak मामले में जब कंपनी के अनुबंध की जानकारी जुटाई गई तो अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के एक्ट के अनुसार यह सामने आया कि परीक्षा कराने के लिए हर साल नई एजेंसी का चयन होना था। चयन न होने की स्थिति में हर साल अनुबंध का नवीनीकरण होना था। लेकिन यहां तो केवल 2016 में एक बार कंपनी का चयन हुआ और केवल एक बार 2019 में ही कंपनी के अनुबंध का नवीनीकरण हुआ।
UKSSSC Paper Leak: इनके समय में हुआ था कंपनी का चयन
2016 में जब आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी का अनुबंध उत्तराखंड सेवा चयन आयोग से हुआ तो तब आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत थे और सचिव एमएस कन्याल थे। उनके बाद एस राजू को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया और बाद में सचिव संतोष बडोनी बने। ऐसे में इन अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि क्यों उन्होंने एक्ट के अनुसार नई एजेंसी चयन नहीं किया और क्यों कंपनी बिना अनुबंध के ही काम करती रही। भले ही पूर्व अधिकारियों के द्वारा कोविड काल को कारण बताया गया है।
इस लापरवाही पर नये अधिकारी भी हुए हैरान
UKSSSC Paper Leak मामले में जैसे ही एसटीएफ की जांच शुरू हुई वैसे ही कई परतें भी खुलने लगी। पहले आयोग के अध्यक्ष पद से एस राजू ने इस्तीफा दिया और उसके बाद संतोष बडोनी को भी आयोग के सचिव पद से हटा दिया गया। अब शासन ने एसएस रावत को सचिव पद पर तैनात किया है और शालिनी नेगी को परीक्षा नियंत्रक बनाया। अब ज्वाइन करते ही इस लापरवाही के सामने आते ही ये अधिकारी भी हैरान हैं कि कैसे बिना अनुबंध के आरएमएस कंपनी परीक्षाएं करा रही थी। साथ ही यह भी हैरान करने वाली बात है कि क्यों कंपनी के अनुबंध का भी नवीनीकरण नहीं किया गया।
UKSSSC Paper Leak: इनके समय में हुआ था कंपनी का चयन
2016 में जब आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी का अनुबंध उत्तराखंड सेवा चयन आयोग से हुआ तो तब आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत थे और सचिव एमएस कन्याल थे। उनके बाद एस राजू को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया और बाद में सचिव संतोष बडोनी बने। ऐसे में इन अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि क्यों उन्होंने एक्ट के अनुसार नई एजेंसी चयन नहीं किया और क्यों कंपनी बिना अनुबंध के ही काम करती रही। भले ही पूर्व अधिकारियों के द्वारा कोविड काल को कारण बताया गया है।
इस लापरवाही पर नये अधिकारी भी हुए हैरान
UKSSSC Paper Leak मामले में जैसे ही एसटीएफ की जांच शुरू हुई वैसे ही कई परतें भी खुलने लगी। पहले आयोग के अध्यक्ष पद से एस राजू ने इस्तीफा दिया और उसके बाद संतोष बडोनी को भी आयोग के सचिव पद से हटा दिया गया। अब शासन ने एसएस रावत को सचिव पद पर तैनात किया है और शालिनी नेगी को परीक्षा नियंत्रक बनाया। अब ज्वाइन करते ही इस लापरवाही के सामने आते ही ये अधिकारी भी हैरान हैं कि कैसे बिना अनुबंध के आरएमएस कंपनी परीक्षाएं करा रही थी। साथ ही यह भी हैरान करने वाली बात है कि क्यों कंपनी के अनुबंध का भी नवीनीकरण नहीं किया गया।
UKSSSC Paper Leak में लगातार परीक्षा कराने वाली कंपनी आरएमएस सवालों के घेरे में रही है। इस पूरे मामले में आरएमएस कंपनी के निदेशक राजेश चौहान को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है, इनके अलावा इस कंपनी के तीन और कर्मचारी भी आयोग की गिरफ्त में हैं। UKSSSC Paper Leak मामले पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एसटीएफ से कंपनी की भूमिका पर रिपोर्ट मांगी थी। एसटीएफ ने भी रिपोर्ट तैयार कर आयोग को सौंप दी है। यह माना जा रहा है कि जल्द आरएमएस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जायेगा।