देश में बढ़ते कोरोना संक्रमित की संख्या पर परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती ने जताई चिंता
ऋषिकेश- भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि लोगों को सुविधायें प्रदान करने के लिये सरकार ने अनलॉक किया है परन्तु कोरोना तो अब भी अटैक कर रहा है, कोरोना वायरस अब भी तीव्रता से प्रसारित हो रहा है, इसलिये घर पर रहें और सुरक्षित रहें।
इस समय विश्व के लगभग सभी देशों में कोरोना वायरस ने अपने पैर पसार दिये है। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच विश्व के कई देशों ने संपूर्ण लॉकडाउन या आंशिक लॉकडाउन किया, भारत ने भी सही समय पर लाॅकडाउन का फैसला लिया गया था, जो सही समय पर उठाया गया सही कदम था। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लाॅकडाउन के पश्चात अनलाॅक 1.0 और अब अनलाॅक 2.0 शुरू किया है ताकि भारतवासी कोरोना से सुरक्षित रहते हुये अपने जरूरी कार्य कर सकें। इसका मतलब यह नहीं कि अकारण घरों से निकलें और कोरोना के सम्पर्क में आये और स्वयं को खतरे में डाले।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी वायरस की प्रारंभिक अवस्था में जिसमें कोई व्यक्ति तब संक्रमित होता है जब वह वायरस के उद्गम स्थल पर पहुँचता है और उसके बाद वह व्यक्ति उस वायरस का वाहक बन जाता है। दूसरी अवस्था में इसे सामान्य रूप से लोकल ट्रांसमिशन के नाम से भी जानते हैं। इसमें वायरस के उद्गम स्थल से संक्रमित होने वाला व्यक्ति जब अपने परिवार या परिजनों के संपर्क में आता है तो वायरस का ट्रांसमिशन उन लोगों तक भी हो जाता है। तृतीय अवस्था को सामुदायिक ट्रांसमिशन के नाम से जानते हैं। यह एक खतरनाक अवस्था है क्योंकि, इसमें संक्रमण लोकल स्तर पर संक्रमित हुए किसी व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में श्रृंखलाबद्ध रूप में तेजी से फैलता है। संक्रमण के प्रसार की दृष्टि से यह अवस्था अत्यधिक हानिकारक होती है। इस समय भारत तृतीय अवस्था के प्रवेश द्वार पर खड़ा है ऐसा कहा जा सकता है। चतुर्थ अवस्था का संक्रमण यह संक्रमण की अंतिम अवस्था होती है। इसमें संक्रमण से प्रभावित व्यक्तियों की बड़े पैमाने पर मृत्यु हो जाती है। चीन, इटली, संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान तृतीय अवस्था को पार कर चतुर्थ अवस्था में पहुँच गए हैं। भारत को इस अवस्था तक पहुंचने से बचाने के लिये हम सभी को अपना-अपना योगदान देना होगा। इसलिये मैं लोगों से घर में रहने का आह्वान और अनुरोध करता हूँ। अभी भी लोगों को चाहिये की जरूरी सेवाओं के अलावा अन्य सारी सेवाएँ परिवहन सुविधा आदि सुविधायें भी जरूरत न होने पर बंद ही रखी जायें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कोरोना वायरस का प्रसार मानव से मानव में हो रहा है। कोरोना वायरस के प्रसार की इस श्रृंखला को तोड़ने के लिये मानवीय गतिविधियों को रोकना अति आवश्यक है। अगर लोग बड़ी संख्या में घर से बहार निकलेंगे तो वायरस की श्रृंखला को तोड़ा नहीं जा सकता। वायरस की विभीषिका को देखते हुए मुझे तो लगता है मानवीय गतिविधियां अत्यंत कम होनी चाहिये। यह संकट का समय है और इसकी गंभीरता को समझना और अपनों को समझाना अत्यावश्यक है। इस संकटकालीन घड़ी में सभी लोगों को धैर्य रखना होगा, अपनी गतिविधियों को सीमित रखना होगा, सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस संकट की घड़ी में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने में अपना अमूल्य योगदान दें। आईये सुरक्षित भारत के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें।
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