अकीदतमंदों के लिये खुली दरगाह शरीफ

रुड़की- हजरत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी के रोजा-ए-मुबारक पर अपनी बिगड़ी को बनाने वाले सैकड़ो, हजारो, लाखो नही बल्कि अनगिनत अकीदतमंदो की आस्था देखते ही बनती है। चारो और रूहानियत का फैज, दरबार में मुश्क की खुशबु, और अजीमुशान करामातें हर कोई इस खुशनुमा माहौल में रंग कर उस मुकाम को हासिल कर लेता है जिसकी उसको चाह होती है। जी हां हम बात कर रहे है उस मुक़द्दस जगह की जहाँ हवाएं भी बड़े अदबो एहतराम से होकर गुजरती है। जिनका चराग आंधियो में जलता है और जिसको वो नवाज़ दे वो कलन्दर से बादशाह बन जाते है।
हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक की दरगाह शरीफ़ को कोविड-19 के चलते मामूर (बंद) किया गया था, जिसे सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक़ करीब चार माह बाद खोले जाने का आदेश जारी किया गया था, जिसके बाद तमाम व्यवस्थाएं पूर्ण कर शुक्रवार को करीब 3 बजे दरगाह शरीफ़ को आमजन के लिए गाइडलाइन के मुताबिक़ खोला गया है। दरगाह शरीफ खुलने पर अकीदतमंदों में खुशी की लहर है, और खिराज-ए-अक़ीदत पेश करने के लिए भारी उत्साह है। दरगाह शरीफ के मुख्यद्वारों पर सेनिटाइजर मशीन लगाई गई है, साथ ही कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो व्यवस्थाएं बनाने के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही अन्य व्यवस्थाओं के लिए भी कर्मचारियों को लगाया गया है। 24 शर्तो के मुताबिक़ दरगाह शरीफ खोले जाने के आदेश के बाद प्रशासनिक अधिकारियों और दरगाह प्रशासन ने व्यवस्थाओं का जायज़ा भी लिया है। (सोसायटी) की ओर से दरगाह साबिर पाक को फूल मालाओं से सजाया गया है, दरगाह शरीफ और मुख्यद्वार पर भी फूल मालाओं से साजसज्जा की गई, प्रशासन की ओर से दरगाह के एंट्री और एक्सिटगेट गेट पर सेनिटाइजर मशीन लगाई गईं है। इसके साथ ही दरबार शरीफ खुलने की ख़ुशी में अकीदतमंदों ने अपने अपने घरों में तोशा (नियाज़) कराई, फ़ातिहा कर तबर्रूक तक़सीम किया गया। रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल के नेतृत्व में दरबार शरीफ़ के कपाट खोले गए।
करीब 3 दिन पूर्व उत्तराखंड वक्फबोर्ड के द्वारा 24 शर्तो का आदेश जारी किया गया था जिसे पूर्ण करने के बाद दरगाह साबिर पाक, दरगाह इमाम साहब, दरगाह किलकिली साहब को खोले जाने का हवाला दिया गया था, तभी से दरगाह प्रशासन और जिला प्रशासन व्यवस्थाएं बनाने में लगा था, शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में दरगाह शरीफ के कपाट खोले गए। दरगाह साबिर पाक खोले जाने के बाद सज्जादानशीन शाह मंसूर एजाज साबरी और रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने दरबार में हाज़री पेश की, इस दौरान अक़ीदत के फूल और चादर पेश कर मुल्क में अमनो अमान की दुआएं भी की गई। लगभग चार माह बाद दरगाह शरीफ खुलने पर हाजरी लगाने पहुँचे अकीदतमंद फूट-फूट कर रोने लगें, दरगाह गेट पर माथा टेकने के बाद नम आँखों से अकीदतमंदों ने दरबार में खिराज-ए-अक़ीदत पेश की, और दुआएं मांगी। दरबार-ए-साबरी में एक बार फिर रौनक लौट आई है, कोविड-19 के चलते बन्द की गई दरगाह को खोले जाने के बाद साबिर पाक की नगरी एक बार फिर गुलज़ार हो गई है। दरगाह खुलने के साथ ही कई दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानें खोली है। उक्त दुकानदारों का कहना है कि साबिर पाक का दरबार बन्द था इसीलिए उन्होंने भी अपनी दुकान नही खोली थी, लेकिन आज जब दरगाह शरीफ को खोला गया है तो दुकानदारों ने भी अपनी अपनी दुकाने खोली है जिससे साबिर पाक की नगरी एक बार फिर गुलज़ार नजर आई है।