महापर्व छठ पूजा सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुई संपन्न

ऋषिकेश-लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा महोत्सव शनिवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण किया। छठ पर्व को लेकर चार दिनों तक पूर्वांचल के परिवारों का माहौल भक्तिमय रहा।देवभूमि ऋषिकेश में आज गंगा तटों पर छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। भोर की पहली किरण के साथ ही व्रतधारी महिलाओं ने गंगा की शीतल जलधारा के बीच खड़े होकर सूर्यदेव से सुख शांति व समृद्धि की कामना कर अघ्र्य दिया। पूजन के बाद परिजनों ने व्रतधारियों को अन्न जल देकर उनका व्रत पूर्ण कराया।देशभर के साथ देवभूमि में लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया।इस दौरान गंगा घाटों पर छठ की छटा देखी गई।लोक आस्था के महापर्व छठ के अंतिम दिन व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इसके साथ ही छठ महापर्व संपन्न हो गया। व्रती सूर्योदय से पहले ही घाटों पर पहुंच गए थे। घाटों में सुबह स्नान कर व्रतियों ने भास्कर देव को ऋतु फल, कंद मूल और नाना प्रकार के पकवानों से अर्घ्य देकर परिवार और राष्ट्र की सुखशांति की कामना की। भोर की बेला में व्रती महिलाएं अपने परिवारजनों के साथ सूप तथा टोकरे में फल-पकवान लेकर छठी मइया के गीत गाते हुए गंगा तट पहुंची।जहां जल में खड़े होकर सूर्य आराधना करते हुए सूर्यादय की प्रतीक्षा की। भास्कर देव के प्रकट होते ही व्रतियों ने दूध से भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर घर-परिवार की सुख शांति के साथ राष्ट्र की खुशहाली की छठी मइया से कामना की।