सिंचाई मंत्री ने पिथौरागढ़ को दी 799.31 लाख रूपये की सिंचाई योजनाओं की सौगात
*थरकोट झील निर्माण की धीमी प्रगति पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों और सड़क का मलबा झील में फैंकने पर एन. एच. अधिकारियों को लगाई फटकार*
*जिलाधिकारी, एस. पी., सीडीओ को साथ बैठाकर किया कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान*
पिथौरागढ़– प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने आज मुंस्यारी, धारचूला एवं डीडीहाट विकासखंड में 799.31 लाख रूपये की सिंचाई योजनायें का शिलान्यास किया। शिलान्यास से पूर्व जिला भाजपा कार्यालय में श्री सतपाल महाराज ने पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ भेंट करने के साथ-साथ जिलाधिकारी, एस. पी. और सीडीओ को साथ बैठाकर मौके पर ही पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान किया। महाराज ने अल्मोडा में निर्माणाधीन थरकोट झील की धीमी प्रगति पर आक्रोश जाहिर करते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों सहित नेशनल हाइवे के अधिशासी अभियन्ता को सड़क का मलबा झील के निर्माण स्थल में फैंकने के लिए जमकर फटकार लगाई। प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने अपने कुमाऊं भ्रमण के पांचवें दिन
लंदन फोर्ट परिसर में नाबार्ड मद से विकासखंड धारचूला में काली नदी के दाएं पार्श्व पर स्थित कुमायूं स्काउट मल्ला हाट की सुरक्षा हेतु 447.38 लाख की लागत से तैयार बाढ़ सुरक्षा योजना एवं विकासखंड डीडीहाट में रामगंगा नदी के बाएं पार्श्व पर स्थित थल कस्बे की सुरक्षा हेतु 351.93 लाख रूपये की बाढ़ सुरक्षा योजना का शिलान्यास किया। जनपद के लंदन कोर्ट परिसर में आयोजित सिंचाई योजनाओं के शिलान्यास समारोह में उपस्थित स्थानीय जनता, जनप्रतिनियों एवं विभागीय अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि जल के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु सिंचाई विभाग अन्य जनपदों के अलावा पिथौरागढ़ में भी जलाशयों का निर्माण करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं गतिमान हैं। उन्होने कहा कि 13 जनपदों में थीम बेस्ड नए गंतव्य स्थल विकसित किए जाने हेतु 13 डेस्टिनेशन योजना के अंतर्गत मोस्टमानो क्षेत्र (पिथौरागढ़) में टूलिप फ्लावर के प्रयोग के तौर पर 25000 बल्बस लगाकर टूलिप गार्डन विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। जिसके कि काफी उत्साहजनक परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं।
महाराज ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जनपद में वहां के पौराणिक धर्म स्थलों को चिन्हित कर एक सर्किट के तहत शामिल करने की योजना पर कार्य चल रहा है। इसी योजना के तहत शिव सर्किट के अंतर्गत गंगोलीहाट के पाताल भुवनेश्वर, पांखू के पिंगलीनाग और बेरीनाग के बैडीनाग मंदिर को नागराजा एवं गोलज्यू मंदिर सर्किट, कोटली (गंगोलीहाट) विष्णु मंदिर को विष्णु, राम एवं नरसिंह मंदिर सर्किट में शामिल किया गया है। संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना काल के दौरान आर्थिक रूप से जूझ रहे। प्रदेश के 2317 लोक कलाकारों एवं ढोल दमाऊ वादों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उनके मानदेय में भी दोगुनी वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि पहले दल नायक को 500 रूपये मानदेय और 250 रूपये यात्रा भत्ता दिया जाता था। जिसे बढ़ाकर मानदेय अब 1000 रूपये और यात्रा भत्ता 500 रूपये कर दिया गया है। इसी प्रकार लोक कलाकारों का मानदेय 400 से बढ़ाकर 800 रूपये और यात्रा भत्ता 200 से बढ़ाकर 400 रूपये कर दिया गया है। श्री महाराज ने यह भी बताया कि ऐसे लोक कलाकार जो कि वृद्ध एवं विपन्न हैं और 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं उनके लिए राज्य सरकार द्वारा 3000 रूपये पेंशन भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हम शीघ्र ही प्रदेश के ढोल दमाऊ वादकों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए एक ऐसा बड़ा आयोजन करने की योजना बना रहे हैं जिसे कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जा सके।कार्यक्रम से पहले कैबिनेट मंत्री