आग के झुलसने से हुई मौत में वनकर्मियों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे वन मंत्री
कोटद्वार– पोखडा वन रेंज में वन बीट अधिकारी हरिमोहन सिंह रावत तथा वन दरोगा दिनेश लाल की जंगल में आग बुझाने के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो गई । कोटद्वार पोस्टमार्टम के बाद मुक्तिधाम में अंत्येष्टि में प्रदेश के वन मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत इस दुःख की घड़ी में पहुंच कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया तथा सम्बधित अधिकारियों से घटना के वक्त वास्तविक स्थिति की जानकारी ली मौजूदा विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया सुबह दस बजे चार कर्मचारी वनों में लगी आग को बुझाने के लिए अपनी बीट पर निकले दो कर्मचारी आगे वह दो पीछे हालत पर नजर रखते हुए जा रहे थे जब सांय तीन बजे पहली टीम वापस आ रही थी तो उन्हें एक जगह पर अपने साथियों का बैग दिखाई दिया जिस पर उनके द्वारा खोजबीन की गई तथा फोन किया गया तो उक्त दोनों कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाया इसके बाद किसी एक व्यक्ति की चिल्लाने की आवाज आई जिस पर उक्त दोनों कर्मचारियों ने इनकी खोजबीन की तो देखा यह दोनों कर्मचारी गहरी खाई में गिरे हैं जिस पर हरिमोहन सिंह रावत उम्र पचास वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई तथा वन दरोगा दिनेश लाल गंभीर रूप से घायल थे जिसे बड़ी मशक्कत से सांय सात बजे उक्त खाई से निकाला गया तथा उपचार हेतु पौड़ी भेजा गया परन्तु रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया । हरिमोहन सिंह रावत कोटद्वार लालपानी निवासी थे तथा उनके पिताजी भी पूर्व में वन विभाग में क्लर्क के पद से रिटायर हुये है । हरिमोहन सिंह रावत अपने पीछे दो मासूम बच्चे लड़की अनुष्का बीस वर्ष तथा बेटा मुदित सोलह वर्ष को छोड़ गए हैं गौरतलब यह है कि उनकी पत्नी की मृत्यु दो हजार बारह में पहले ही कैंसर से हो चुकी है ऐसे में हरिमोहन के पिता ने कहा कि उनके परिवार पर इस घटना से दुःखो का पहाड़ टूट पडा है । तथा परिवार पर लालन-पालन का संकट खड़ा है माननीय मंत्री जी ने दोनों ही कर्मचारियों के परिवार से एक एक व्यक्ति को मृतक आश्रित मे विभाग में नौकरी देने का आश्वासन दिया तथा परिवार का हर संभव मदद देने की घोषणा करी इस अवसर पर अंत्येष्टि में लैंसडौन डीएफओ दीपक सिंह पोखड़ा रेंजर राखी जुयाल पूर्व ब्लाक प्रमुख सुमन कोटनाला सहित बड़ी संख्या में विभागीय कर्मचारी व क्षेत्रवासी मुक्तिधाम में अंतिम यात्रा में शामिल हुए शव को मुखाग्नि अनके बेटे ने दी ।