सुरक्षित जीवन का उत्कृष्ट और सतत् मॉडल है प्रकृति के अनुसार जीवन यापन
ऋषिकेश– संयुक्त राष्ट्र द्वारा आज के दिन को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य है कि दुनिया में पाये जाने वाले वन्य प्राणियों और पौधों के बारे में वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना।
वर्ष 2021 विश्व वन्यजीव दिवस की थीम ’‘वन और आजीविका – सतत लोग और ग्रह’’ रखी गयी है। वैश्विक स्तर पर कई लोगों की आजीविका को बनाए रखने के लिए वनों, वन्य प्रजातियों और पारिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। मनुष्य के जीवन और विकास में वन और वन्य जीवों का जो योगदान है उसे उजागर करना तथा उनके साथ मानवीय संबंधों को बनाये रखने के लिये प्रतिबद्ध होना जरूरी है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन, आजीविका और इस ग्रह को पर बनाए रखने के लिए वनों की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। अगर वन और वन्यप्राणी सुरक्षित नहीं होगे तो इस ग्रह पर मानव जीवन भी सुरक्षित नहीं रह सकता है। मानव कल्याण के लिये हमें वन-आधारित आजीविका के महत्व को समझना होगा तथा वन्य जीवन के साथ स्थायी संबंध स्थापित करने होंगे।