‘अमर मुनि धाम’ स्वामी रामतीर्थ मिशन हरिद्वार का उद्घाटन
ऋषिकेश–परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने ‘अमर मुनि धाम’ स्वामी रामतीर्थ मिशन द्वारा संचालित के उद्घाटन अवसर पर सहभाग कर उपस्थित जन समुदाय को सम्बोधित किया। इस पावन अवसर पर सर संघचालक आदरणीय श्री मोहन भागवत जी, आचार्य बालकृष्ण जी, योगी बालकनाथ जी, ड़ाॅ ललित मल्होत्रा जी पूज्य संतों और गणमान्य अतिथियों ने सहभाग कर अपने विचार व्यक्त किये। इस पावन अवसर पर पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि इस समय में स्वामी रामतीर्थ जी के विचारों के वैक्सीन की जरूरत है। जिसमें भारतीय संस्कृति, संस्कारों और भारतीय मूल्यों के वैक्सीन की अत्यंत आवश्यकता है ताकि इस कोरोना काल में जनमानस में करूणा उत्पन्न हो सके। स्वामी रामतीर्थ जी एक ऐसा पावन चरित्र थे जिनकी मन, वाणी और सेवा कार्यो से भारतीय संस्कृति की गंगा बहती थी। उनका आदर्श वाक्य ‘भारत भूमि मेरा शरीर है, कन्याकुमारी मेरे पैर हैं और हिमालय मेरा सिर’ राष्ट्र भक्ति और देशसेवा का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनका पूरा जीवन वेदान्त, आध्यात्म और हिन्दू दर्शन पर आधारित था। स्वामी जी ने देश के युवाओं का आह्वान करते हुये कहा कि सत्य, प्रेम, करूणा और शुचिता का आह्वान कर भारतीय संस्कृति को अपने जीवन का अंग बनाये।