वाहनों के हड़ताल के चलते पर्यटकों को करना पड़ा दिक्कत का सामना
उत्तराखंड परिवहन निगम के चालक और परिचालक कार्य एक्सीडेंट पर ड्राइवर को सजा और जुर्माने के प्रावधान के विरोध में बहिष्कार पर रहे। प्रदेश में हिट एंड रन कानून के खिलाफ साल के पहले दिन बस चालक हड़ताल में रहे। बता दे हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है, जिसका विरोध हो रहा है। नैनीताल जिले में रोडवेज ड्राइवरों के हड़ताल के चलते बसों के पहिए थम गए। इतना ही नहीं नैनीताल घूमने आए पर्यटकों की जमकर फजीहत हुई, वहीं, पहाड़ों से इलाज करवाने के लिए निकले लोग भी अस्पताल नहीं पहुंच पाए।
मध्य प्रदेश से नैनीताल घूमने आए पर्यटक अंशुमान का कहना है कि बसों की हड़ताल का टैक्सी कारोबारी जमकर फायदा उठा रहे हैं। टैक्सी चालक पर्यटकों से 300 से लेकर 500 रुपए तक वसूल रहे हैं। जो सामान्य दिनों की अपेक्षा दोगुना है। वहीं, नैनीताल घूमने आई महिला पर्यटक का कहना है कि वो परिवार के संग घूमने नैनीताल आई थीं। लेकिन बसों की हड़ताल होने से उन्हें वापस घर लौटने में दिक्कत हो रही हैं। उन्होंने भी टैक्सी संचालकों पर दोगुना किराया मांगने का आरोप लगाया। बसों की हड़ताल के चलते बुजुर्ग और मरीज भी काफी परेशान रहे। नैनीताल से हर हफ्ते अपने घुटनों का इलाज कराने हल्द्वानी जाने वाले मोतीरात बताते हैं उनका हल्द्वानी के एक निजी अस्पताल से उपचार चल रहा है। जिसके लिए उन्हें आज अस्पताल जाना था। बता दे नैनीताल से लेकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों का भी यही हाल रहा।
हल्द्वानी डिपो में भी 60 से ज्यादा बसें खड़ी रही जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हल्द्वानी से एक भी रोडवेज बसें न चलने की यात्री मायूस नजर आए। बसें न मिलने से दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार, जयपुर, चंडीगढ़ आदि जगहों को जाने वाले यात्री खासी परेशान हुए। घंटों तक खड़े रहने के बावजूद उन्हें बस नहीं मिल सकी। ऐसे में यात्री सामान लेकर इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन दूर-दूर तक रोडवेज बसों के संचालन की कोई उम्मीद नजर नहीं आई।
वहीं, बसें न मिलने पर यात्रियों को टैक्सी का इंतजाम करना पड़ा। बताया जा रहा है कि अगले तीन दिन तक रोडवेज बस ड्राइवरों की हड़ताल जारी रहेगी। जिससे यात्रियों की परेशानी और बढ़ सकती हैं। हल्द्वानी रोडवेज के एआरएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सभी ड्राइवर हड़ताल पर हैं, उनकी मांगों को लेकर कोई भी लिखित पत्र उन्हें नहीं मिला है, लेकिन रोडवेज के ड्राइवर अपनी ड्यूटी पर नहीं जा रहे हैं। वहीं, बस चालकों ने हिट एंड रन कानून को काला कानून करार दिया है।