केंद्र सरकार ने गर्मी से होने वाली बीमारियों को लेकर सभी राज्यों को एडवाइजरी की जारी

नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। इसको देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने राज्यों को आवश्यक दवाओं, तरल पदार्थ, आइस पैक, ओआरएस और सभी जरूरी उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के लिए स्वास्थ्य सुविधा की तैयारियों की समीक्षा करने को कहा है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और सलाहकारों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य विभागों को गर्मी से होने वाली बीमारियों, इसकी प्रारंभिक पहचान और प्रबंधन के बारे में चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को संवेदनशील बनाने और उनकी क्षमता निर्माण के लिए प्रयास जारी रखने चाहिए.
उन्होंने कहा कि इन विषयों पर एनसीडीसी (राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र) द्वारा तैयार किए गए ट्रेनिंग मैनुअल का उपयोग प्रशिक्षण के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा एनसीडीसी के एनपीसीसीएचएच (जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम) द्वारा मार्च 2025 में गर्मी से संबंधित बीमारियों के क्लीनिकल प्रबंधन पर वर्चुअल रिफ्रेशर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं. राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चिकित्सकों, बाल रोग विशेषज्ञों, चिकित्सा अधिकारियों और संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण क्लीनिकल प्रबंधन और निगरानी रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए इन सत्रों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। साथ ही 1 मार्च 2025 से दैनिक निगरानी के जरिये सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए हीटस्ट्रोक के नैदानिक निदान (clinical diagnosis) पर रोगी-स्तर की जानकारी एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) पर कैप्चर की जा रही है। श्रीवास्तव ने कहा, “इस संबंध में, हाल ही में जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम द्वारा वर्चुअल मोड में प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए हैं. कृपया सुनिश्चित करें कि इन्हें एनसीडीसी द्वारा प्रदान की गई प्रशिक्षण सामग्री के साथ आगे बढ़ाया जाए और सभी संबंधित स्वास्थ्य पेशेवरों को मौजूदा पी-फॉर्म स्तर के क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके आईएचआईपी पर रिपोर्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए