पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के बयान के विरोध में उतरी IAS एसोसिएशन

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के दलित IAS अफसर को इशारों इशारों में कुत्ता बताने वाले बयान पर आईएएस एसोसिएशन भड़क गई है.एसोसिएशन ने रविवार को आपात बैठक बुलाकर पूर्व सीएम के बयान के खिलाफ सीधे मोर्चा खोल दिया है। सीधे तौर पर साफ किया की आत्मसम्मान, स्वाभिमान से कोई भी समझौता नहीं होगा.इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी से एसोसिशन ने शिकायत कर मामले में कार्यवाही की मांग की है. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में खनन को लेकर संसद में बयान दिया था.हरिद्वार से लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा में बयान दिया था कि उत्तराखंड के हरिद्वार,देहरादून,उधमसिंह नगर और नैनीताल में जमकर अवैध खनन हो रहा है और यह अवैध खनन रात के अँधेरे में भी हो रहा है.सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बयान के बाद सचिव खनन बृजेश संत ने राज्य में खनन के आंकड़े जारी करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। सचिव के बयान पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने तंज कसते हुए कहा था कि शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करता.उनके इस बयान के बाद पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है.दलित संगठनों ने सड़कों पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के खिलाफ जमकर अपना आक्रोश व्यक्त कर उनके पुतले जलाए.वहीं आईएएस एसोसिएशन ने भी आर पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दें डाली। IAS एसोसिएशन अध्यक्ष आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक हुई.इस बैठक में एसोसिएशन ने कहा कि एसोशिएसन के सदस्यों को भी आम नागरिकों की भांति आत्म सम्मान, गरिमा का अधिकार सहज और स्वाभाविक रूप से प्राप्त है.किसी भी व्यक्ति, पदाधिकारी, संस्था, संगठन को ऐसे बयानों, संकेतों से बचना चाहिए, जिससे एसोसिएशन के सदस्यों, उनके परिवार का आत्मसम्मान आहत होता हो.उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचती हो. इससे एसोसिएशन के सदस्यों का मनोबल कमजोर होता है. ऐसे हतोत्साहित परिवेश में एसोसिएशन के सदस्यों की दक्षता, कार्य क्षमता, डिलीवरी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है.
एसोशिएसन के सदस्य लोक सेवक के रूप में निर्वाचित सरकारों की नीतियों को संवैधानिक दायरे में व्यावहारिक रूप देते हुए प्रभावी तरीके से धरातल पर लागू करते हैं।.व्यवस्था को स्थिरता, निरंतरता प्रदान करते हुए तटस्थता के सिद्धांत को दृढ़ता से बनाए रखते हैं,साथ ही उन्होंने कहा कि एसोशिएसन किसी भी प्रकार की आलोचना, असहमति, निंदा को एसोसिएशन आत्म सुधार के तौर पर लेती है
साभार– हिमांशु बडोनी, वरिष्ठ पत्रकार