वन नेशन वन इलेक्शन कों लेकर जिला अधिवक्ता संघ पौड़ी के द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक हुई आहूत

वन नेशन वन इलेक्शन कों लेकर जिला अधिवक्ता संघ पौड़ी के विधि भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गईं. सुभाष चंद्र रतूड़ी की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में अधिवक्ताओं द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर गंभीरता सें चर्चा की गई.इस अवसर पर बैठक में हिस्सा लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के पूर्व अध्यक्ष डीसीएस रावत ने वन नेशन वन इलेक्शन के संबंध में विस्तृत जानकारी देतें हुए कहा कि देश में वन नेशनल वन इलेक्शन कयदि लागू हो गया तों इससे समय के साथ साथ पैसे की भी बचत होगी,और बार बार चुनाव कराने सें भी मुक्ति मिलेंगी.उन्होंने कहा कि हर 6 माह में कोई ना कोई चुनाव हो रहा है जिसके कारण विकास कार्य तों प्रभावित होते ही है साथ ही सरकारी धन की भी बर्बादी होती है.
हाईकोर्ट नैनीताल के पूर्व अध्यक्ष डीबीएस रावत ने आगे कहा कि सितंबर 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की संभावनाएं तलाशने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था.
इस समिति ने मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.समिति में शामिल प्रमुख सदस्यों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और चीफ़ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी थे.
इसके अलावा, विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में क़ानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. नितेन चंद्र भी समिति का हिस्सा थे.उन्होंने कहा कि 191 दिनों की रिसर्च के बाद इस समिति ने 18,626 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की. सितंबर 2024 में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफ़ारिशों को मंजूरी दी.इसके बाद 12 दिसंबर को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ से जुड़े विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी है, जो इसे क़ानून बनाने की दिशा में कदम है.इस बैठक में पी एस नेगी, पीवी पंत,आर सी जदली,महेश बलूनी, अभिषेक सजवान,मयंक शर्मा, आमोद नैथानी सहित रश्मि गौरव गैरोला सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया.
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