पतंजलि के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के जवाब के बाद बोले कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, भाजपा सरकार से मांगा जवाब,

देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय से व उत्तराखंड सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि क्या पतंजलि के बाबा रामदेव व उनके सहयोगियों द्वारा विगत 23 जून को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से जो कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था और उस पर जो नोटिस विभाग द्वारा पतंजलि को दिया था उस पर जो स्पष्टीकरण पतंजलि ने दिया है क्या केंद्र सरकार आयुष विभाग व उत्तराखंड सरकार उनके स्पस्टीकरण से संतुष्ट है। आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में श्री धस्माना ने कहा कि समाचार पत्रों में छपी खबरों में छपे पतंजलि के बालकृष्ण के स्पस्टीकरण से तो लग रहा है कि वे अपने दवा बंनाने के दावे पर कायम हैं जबकि आयुष मंत्रालय द्वारा एक अप्रैल 2020 को जारी अपने सर्कुलर में स्पष्ट रूप से ड्रग्स एंड कॉस्मैटिक्स एक्ट 1940 व नेशनल डिजास्टर ऐक्ट 2005 का उल्लेख करते हुए कोरोना की कोई भी दवा का दावा करने प्रचार प्रसार करने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है व ऐसा करने पर उसे संज्ञेय अपराध बना कर सज़ा का प्रवाधान किया गया है। श्री धस्माना ने कहा कि 23 जून की प्रेस कांफ्रेंस की सारी फुटेज व समाचार पत्रों में छपे पतंजलि के दावे के आधार पर आयुष मंत्रालय के एक अप्रैल 20 के सरकुलर की धज्जियां उड़ाई गयी किन्तु अब तक सरकार व विभाग ने मात्र नोटिस देने के अलावा कोई जांच तक नहीं बैठाई है कि पतंजलि द्वारा बिना क्लिनिकल टेस्ट के कितनी दवा निर्मित कर ली गयी है व उसका कितना विपणन हो चुका है। श्री धस्माना ने आरोप लगाया कि पतंजलि को पूरा संकरक्षण केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकारों का है जिसके कारण छद्दम राष्ट्रवाद और स्वदेशी के नाम पर खुली लूट की छूट बाबा रामदेव व उनकी संस्था को मिली हुई है।