शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही आई सामने सड़क ना के कारण गर्भवती महिला ने रास्ते में ही दिया बच्चे को जन्म

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उत्तरकाशी : सड़क न होने से पैदल चली गर्भवती, रास्ते में ही जन्मा बच्चा, पहाड़ के लोगों की मुश्किलें भी पहाड़ जैसी हैं। इसे हिमरोल गांव का दुर्भाग्य कहें या शासन व प्रशासन की लापरवाही। दोनों ही परिस्थितियों में इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों को इसका दंश झेलना पड़ रहा है। आज तक यह गांव सड़क सुविधा से वंचित है, जिससे गांव में किसी के बीमार होने पर तीमारदारों और पीड़ितों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है। इसका उदाहरण मंगलवार सुबह देखने को मिला, जहां सड़क के अभाव में हिमरोल गांव की एक गर्भवती महिला ने आधे रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। जच्चा-बच्चा दोनों सकुशल हैं। इसके बाद स्वजन महिला को अस्पताल न ले जाकर जच्चा-बच्चा को आधे रास्ते से ही वापस घर ले आए।
हिमरोल गांव की एक गर्भवती रामप्यारी को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे लेकर पैदल ही चले, ताकि मुख्य सड़क तक पहुंचकर उसे अस्पताल ले जाया जा सके। लेकिन गर्भवती ने मुख्य सड़क तक पहुंचने से पहले गांव के रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। परिजन मुश्किलों के साथ जच्चा-बच्चा को किसी तरह मुख्य सड़क तक ले जाकर 40 किलोमीटर दूर स्थित सीएचसी नौगांव लेकर पहुंचे। यहां उपचार के बाद दोनों सकुशल हैं। रामप्यारी (32) के पति लक्ष्मण नौटियाल ने शुक्र जताया कि कोई अनहोनी नहीं हुई। उनके मुताबिक अगर गांव तक सड़क होती तो वह अपनी पत्नी को समय से अस्पताल पहुंचा पाते। उनके मुताबिक सीएचसी लाने में देर हो जाती तो दोनों की जान को मुश्किल हो सकती थी।
कागजों में हिमरोल गांव तक सड़क बन गई है, लेकिन हकीकत में ऐसा हुआ नहीं है। गांव से मुख्य सड़क तक पहुंचने में एक किलोमीटर की दुर्गम राह है। कोरोना संक्रमण के चलते गांव लौटे प्रवासी युवाओं ने श्रमदान से सड़क बनाने की कोशिश की थी। लेकिन आधा किलोमीटर सड़क खोदने के बाद रास्ते में चट्टान आ गई। जिससे उनकी हिम्मत जवाब दे गई।
गांव तक सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को हुई घटना के पीछे भी सड़क ही कारण है। सरकार को जल्द से जल्द उनके गांव तक सड़क बनानी चाहिए।