आउटसोर्सिंग के जरिए तैनात महिलाओं की सेवा समाप्त करने का मामला पकड़ा रहा तूल, महिला कर्मियों ने अधिकारी पर लगाया आरोप

चमोली : महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग चमोली की ओर से संचालित महिला शक्ति केंद्र(स्टार्टअप सेंटर) से आउटसोर्सिंग के जरिये तैनात दो महिला कार्मिकों की सेवा समाप्त करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास विभाग की तरफ से महिला कार्मिकों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए बर्खास्त कर दिया गया था। महिला कर्मियों द्वारा अधिकारी पर मानसिक उत्पीड़न करने और शराब और पैसे की डिमांड के आरोप भी लगाए गए हैं। बीते मंगलवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी चमोली संदीप कुमार की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया द्वारा महिला शक्ति केंद्र में तैनात महिला कल्याण अधिकारी हिमानी और पैरामेडिकल स्टाफ पूनम नेगी को बर्खास्त कर दिया गया था। परियोजना अधिकारी की ओर से कार्मिकों पर उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना व साथी कार्मिकों के साथ अभद्रता का आरोप लगाया गया था। अब बर्खास्त महिला कर्मियों ने जिला कार्यक्रम अधिकारी पर शराब और पैसे न दिए जाने के चलते एक तरफा कार्रवाई करने आरोप लगाया है। हिमानी और पूनम का कहना है, कि बीते जनवरी महीने से वेतन भुगतान न होने के चलते उनके द्वारा निदेशालय स्तर के अधिकारियों से वेतन की मांग की गई थी। जिसे लेकर डीपीओ नाराज हो गए थे। जिसके बाद से उनके द्वारा महिला कार्मिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। महिला कार्मिकों ने जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया से भी मामले में जांच की मांग उठायी है। जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास संदीप कुमार का कहना है कि उनको जानबूझ कर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दोनों कार्मिकों को अनुशासनहीनता करने पर कार्यमुक्त किया गया था। द्वेषभावना से उनके द्वारा इस प्रकार का कृत्य कर उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है।
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