इस याचिका की सुनवाई पर नैनीताल हाईकोर्ट ने भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार को दिया झटका
नैनीताल हाईकोर्ट ने भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार को झटका देते हुए सुमाड़ी में स्थाई कैंपस बनाने के निर्णय को निरस्त कर दिया है न्यायालय ने अपने निर्णय में कहां है कि दोनों सरकारों ने छात्रों की सुरक्षा को दर किनार यह निर्णय लिया है अब वह छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए 4 माह के भीतर एनआईटी के अस्थाई कैंपस को कहां बनाना है इसका निर्णय लेने के साथ ही कोर्ट ने दोनों सरकारों को और एन आई टी प्रशासन को 1 जुलाई 2021 से पूर्व ही अस्थाई कैम्प्स की सभी सुख सुविधाओं को अमल में लाने का कड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने एनआईटी की छात्रा जिसका अस्थाई कैम्प्स के खस्ता हाल के चलते एक्सीडेंट हो गया था उसे आजीविका पार्जन और पूरे मेडिकल खर्चे के अतिरिक्त उसे 25 लाख रुपया देने का आदेश दिया है। एनआईटी कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज को बने हुए 9 साल हो गए हैं लेकिन 9 सालों के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला जिस को लेकर छात्र काफी लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। साथ ही अभी छात्र जिस जगह पर हैं वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर है और इस बिल्डिंग में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।