महापौर ने आईएसबीटी में खोखा स्वामियों की समस्याओं का किया निस्तारण, खोखा स्वामी जुड़ेंगे वेडिंग जोन योजना से
ऋषिकेश- वेंडिंग जोन योजना को धरातल पर लाने के बाद नगर निगम प्रशासन ने आईएसबीटी क्षेत्र में खोखा स्वामियों के असमंजस को भी दूर कर दिया है। जल्द ही आईएसबीटी परिसर में वेंडिंग जोन योजना के तहत खोखा स्वामियों के लिए सुव्यवस्थित व्यापार चलाने की योजना को क्रियान्वित कर दिया जाएगा। निगम अधिकारियों के साथ महापौर ने यहां एक और वेंडिंग जोन के लिए चयनित स्थल का मौका मुआयना किया वहीं दूसरी ओर उन्होंने खोखा स्वामियों के साथ बैठक कर उनकी वर्षों पुरानी चली आ रही मांग को भी पूर्ण कर आत्मसम्मान के साथ बिना किसी प्रशासनिक खौफ के अपना रोजगार चलाने का अवसर प्रदान कर दिया।नगर निगम महापौर ने बताया कि आईएसबीटी क्षेत्र में खोखा व्यापारियों को शहर के कुछ व्यापारी नेताओं द्वारा गुमराह किया जा रहा था।
जबकि नगर निगम प्रशासन चाहता है कि वह व्यवस्थित तरीके से व्यवसाय के साथ अपनी आजीविका चला सकें। खोखा स्वामियों के साथ हुई बैठक में उनके तमाम असमंजस को दूर कर दिया गया है ।नगर निगम ने कोरोनावायरस को देखते हुए महज ₹500 प्रतिमाह किराया तय किया है जिसके लिए निगम बोर्ड की बैठक/वेंडिंग कमेटी में प्रस्ताव पारित कराया जाएगा । वेंडिंग जोन योजना से जुड़े खोखा स्वामियों के लोन के लिए भी 5 वर्ष तक का समय तय कराया जायेगा।उन्होंने बताया कि वेंडर जोन बहुत ही व्यवस्थित तरीके से बनाया गया है।आईएसबीटी परिसर में भी योजना को खूबसूरती के साथ धरातल पर उतारा जायेगा।उन्होंने कहा कि व्यवस्थित होने से हमारी सोच में भी बदलाव आता है और हम एक अच्छी व्यवस्था की ओर आगे बढ़ते हैं। नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि ठेले वालों के आए दिन चालान कटते हैं, वेंडर जोन बन जाने से ऐसा नहीं होग।बीच रास्तों में खड़े ठेलों की वजह से बाजार में पैदल चलना तक मुश्किल है, वेंडिंग जोन बनने के बाद इससे भी निजात मिलेगी।नगर आयुक्त क्वीरियाल के अनुसार बाहरी राज्यों के ऐसे लोग अब चिन्हित हो जाएंगे जो संदिग्ध हैं और यहां आकर ठेला लगा रहे हैं, यह पुलिस के लिए भी मददगार साबित होगा।इस दौरान नगर निगम के कर निरीक्षक रमेश रावत पार्षद चेतन चौहान,पूर्व राज्यमंत्री मंत्री संदीप गुप्ता,जयेंद्र रमोला, मनोज धयानी,मदन कोठारी, सुनील उनियाल, राजू शर्मा,हेमंत डंग, किशन मंडल, शेलेन्द्र रस्तोगी, चरणजीत काचू अध्यक्ष, हरिश्चंद्र रागण, पुरुषोत्तम जोशी, हीरामणि रतूड़ी, ओमप्रकाश बरमोला, दिलीप सिंह नेगी, अनिल कुमार जाटव आदि मोजूद रहे।