नगर निगम कोटद्वार को यूनीपोल/ होल्डिंग कंपनी ने लगाया लाखों का चूना, होल्डिंग लगाने वाली कंपनी का सात लाख का चेक हुआ बाउंस
कोटद्वार : नगर निगम कोटद्वार एक बार फिर से चर्चाओं में है वैसे तो नगर निगम कोटद्वार का विवादों से पुराना नाता है कुछ समय पहले सेनेटाइजर में गड़बड़ी का मामला पार्षदों ने उठाया था जिसे जैसे तैसे निपटाया गया ताजा मामला नगर निगम द्वारा एक कंपनी को यूनिपोल/होर्डिंग लगाने का ठेका 14 लाख रुपये में 2 वर्षो के लिए दिया गया है जिसका 7 लाख रुपये का चैक बाउंस हो गया है
मजेदार बात ये है कि यूनिपोल/होर्डिंग लगाने वाली कंपनी का ठेका 1 अप्रैल 2020 से सुरु हो गया था शर्तो के मुताबिक कंपनी को स्वीकृत धनराशी के 2 % के स्टाम्प अनुबंध के लिए जमा करने थे जो आजतक नगर निगम कोटद्वार मे जमा नही हुए और 1 अप्रैल 2020 से 3 दिन के अंदर कुल रकम का 50% धनराशि यानी 7 लाख रुपये जमा करने थे बाकी 7 लाख रुपये 6 महीने के अंदर कंपनी द्वारा निगम के खाते में जमा करने थे लेकिन आजतक निगम के खाते में कंपनी ने 1 रूपया भी जमा नही कराया मजेदार बात ये है कि निगम द्वारा कंपनी से किसी भी तरह की कोई बंधक राशी भी नही ली गयी है। जिसके कारण स्थानीय व्यापारियों ने निगम प्रशासन पर आरोप लगाये है कि निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से ये ठेका दिया गया है व्यापारियों ने ये भी आरोप लगाया कि उक्त कंपनी के ठेकेदार द्वारा कोटद्वार के व्यापारियों को परेशान कर उनकी दुकानों के बोर्ड जबरन उतारे गये कोटद्वार के व्यापारियों की दुकानों से उतारे गये होर्डिंग/बोर्ड का आजतक कोई हिसाब नही दिया गया जबकि लाखो रुपयों के बोर्ड नगर निगम क्षेत्र से कंपनी द्वारा हटाये गये है नगर निगम कोटद्वार की हालत वैसे ही खराब है और अब इस तरह के कारनामो से निगम को लाखों रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है स्थानीय लोगो की मांग है कि उक्त प्रकरण बहुत गंभीर है और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए। इस संबंध में जब नगर आयुक्त प्यारेलाल शाह जी से बात की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि वो मामले मे पत्रावली का अध्ययन कर रहे है, कानूनी सलाह ले रहे और संबंधित लोगो से जानकारी जुटा रहे है मामले में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो निश्चित रूप से कार्यवाही की जायेगी।