केदारघाटी में अतिवृष्टि के कारण हुआ नुकसान जिलाधिकारी ने घटनास्थल पर जाकर किया निरीक्षण
बीते दिनों केदारघाटी के उषाडा, फाटा, मैखंडा, करोखी, बयुंगगाड़ अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान का जिलाधिकारी वंदना सिंह ने निरीक्षण किया साथ ही लोगों की समस्याएं भी सुनी। जिलाधिकारी ने सभी उप जिला अधिकारी को निर्देशित किया कि 15 दिन के भीतर आपदा से हुए क्षति का आकलन कर मुआवजा के लिए प्रस्ताव बनाया जाए साथ ही जिन लोगों को मुआवजा मिल गया है उनमें से कहीं लोग अभी भी पुराने और गार्ड विदेशों के आसपास के मकानों में रह रहे हैं उन्हें तुरंत नोटिस देकर खाली करवाया जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग 109 में तिलवाड़ा से फाटा तक गतिमान कार्यों का निरीक्षण करते हुये जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग जितेंद्र त्रिपाठी को स्पष्ट निर्देश दिए कि गीड़ भुतीर, तिलवाड़ा, सिल्ली, मैखंडा, जामू सहित अन्य स्थलों पर एन एच के कार्यों से क्षतिग्रस्त लोगों के आम पैदल रास्तों को 15 दिन में भीतर ठीक किया जाय। कहा कि गांव के आम रास्ते गांव वासियों की लाइफलाइन है।
इन रास्तों से गांव के बुजुर्ग व्यक्ति, बच्चे कई बार आते जाते है। किसी भी दशा में गाँव का संपर्क मार्ग बाधित नही होना चाहिए।
नागजगई गांव के तेलसा कस्बे में पीएमजीएसवाई की लमगौडी- तिनसोली मोटरमार्ग के स्कप्पर से गांव में पानी आने से खतरा बना हुआ है, इस संबंध में पीएमजीएसवाई को 3 दिन भीतर के सर्वे कर पानी को पुराने गधेरे से निकालने व स्कप्पर को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश दिये। राष्ट्रीय राजमार्ग की कटिंग से प्रभावित खेत , भवन की क्षति के आंकलन के लिये राजस्व व राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के भी निर्देश दिए।