विवादों में रही वन रक्षकों की भर्ती पर आज भी सस्पेंस बरकरार

देहरादून: उत्तराखंड में शुरू से ही विवादों में रही वन रक्षकों की भर्ती पर आज भी सस्पेंस बरकरार है। साल 2018 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई बड़ी भर्ती को लेकर धांधली होने के आरोपों के बाद एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी है। अब आयोग भर्ती निरस्त होगी या नहीं इस पर फैसला लेगा। प्रदेश में युवाओं के लिए उम्मीद भरी फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती फिलहाल रूकी हुई है। राज्य में 1,218 पदों के लिए चलाई गई भर्ती प्रक्रिया धांधली की भेंट चढ़ गई। हालांकि यह भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही विवादों में रही और इसमें शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा को लेकर राज्य सरकार ने पहले रोक लगाई गई है। इसके बाद जब नियमावली के अनुसार दोबारा भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया गया। तो एक पीआईएल पर हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। रोक पीआईएल वन आरक्षी संघ के अध्यक्ष की तरफ से लगाई गई थी। जिसमें 66% पद प्रमोशन से भरे जाने की मांग थी। फिर जब यह भर्ती दोबारा शुरू हुई तो परीक्षा होने के बाद परीक्षा कक्षों में नकल की बात सामने आई। जिसके बाद से ही इस परीक्षा का परिणाम सामने नहीं आ सका है। सआईटी जांच का भी गठन किया गया है। अब एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट अधिनस्थ सेवा चयन आयोग को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि, कुल 57 अभ्यर्थियों की तरफ से इसमें धांधली की गई थी। जिसमें से 31 उम्मीदवारों की पहचान कर ली गई है। जबकि 26 की पहचान अब तक भी नहीं हो पाई है. खास बात यह है कि अब चयन आयोग एसआईटी जांच के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया जाए या नहीं इस पर जल्द फैसला लेगा।