महान आविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन की पुन्यतिथि
*विद्युत बल्ब का अविष्कार कर दुनिया को रौशन कर गये*
*नवरात्रि का दूसरा दिन तप और संकल्प शक्ति से आत्मजागरण और राष्ट्रसेवा का संदेश देता है-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज*
ऋषिकेश— परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज के ही दिन वर्ष 1931 में दुनिया के महान आविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने इस दुनिया से विदा ली थी, जाने से पहले वे दुनिया को विद्युत बल्ब का अविष्कार कर रोशन कर गये ऐसे महान आविष्कारक को श्रद्धांजलि।
थॉमस एल्वा एडिसन ने फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब सहित अनेकों प्रयोग कर कई उपलब्धियों को हासिल किया जिससे दुनिया भर में लोगों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया। एडीसन बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे। एडिसन 12 वर्ष की आयु में फलों और समाचारपत्रों के विक्रय का धंधा करके परिवार को प्रति दिन एक डालर की सहायता देने लगे। वे बचपन से ही कई वैज्ञानिक प्रयोग करते रहते थे। तार प्रेषण में निपुणता प्राप्त कर 20 वर्ष की आयु तक, एडिसन ने तार कर्मचारी के रूप में नौकरी की। जीविकोपार्जन से बचे समय को एडिसन प्रयोग और परीक्षण में लगाते थे।
स्वामी जी ने कहा कि भारत रत्न डाॅ कलाम भी साधारण परिवार में जन्में और उन्होने भी जीविकोपार्जन के लिये सीपी और समाचार पत्र बेचे परन्तु वे भी असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होने कर्मठता, सादगी, मितव्ययिता और ईमानदारी से एक शिक्षक, साधक, मिसाइल मैन, अग्नि पुरुष से राष्ट्रपति तक की जीवन यात्रा तय की और आज वे अनेकों युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं, रोल मॉडल हैं