*सरदार पटेल भारत की एकजुटता के वास्तविक सूत्रधार-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकश– सरदार वल्लभभाई पटेल जी के जन्मदिवस के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि सरदार पटेल जी ने रियासतों का एकीकरण ही नहीं किया बल्कि भारतीयों के दिलों का भी एकीकरण किया।
महाकाव्य रामायण के प्रणेता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी का आज जन्मदिवस है। महर्षि वाल्मीकि जी ने भगवान श्री राम की गौरव गाथा, संघर्ष और साहस का उत्कृष्ट उदाहरण रामचरित्र मानस के माध्यम से प्रस्तुत किया है। रामायण में प्रभु श्री राम के जीवन अमृत की वह रसधार है, जिसकी हर बूंद से एक महाग्रंथ लिखा जा सकता है। हम धन्य हैं कि हमें प्रभु श्री राम की दिव्य लीलाओं का रामायण के माध्यम से स्वाध्याय करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रभु श्री राम की शरण, उनके चरण एवं उनका आचरण हमारे जीवन का पाथेय बने।
महर्षि वाल्मीकि जी को नमन, जिन्होंने ईश्वरीय विशिष्टता और दिव्य गुणों के स्वामी प्रभु श्री राम को साधारण मनुष्यों की भाँति दूसरों के सहयोग से ही अपने समस्त कार्य सम्पन्न करते हुये प्रत्येक प्राणी की उपयोगिता का रहस्य समझाया। वाल्मीकीय रामायण से हमें पितृभक्ति, भ्रातृप्रेम, पातिव्रत्य, धर्म, आज्ञापालन, प्रतिज्ञापूर्ति तथा सत्यपरायणता की शिक्षा प्राप्त होती है, आईये इन शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करें और जीवन यात्रा में आगे बढ़ें।
शास्त्रों से प्राप्त प्रमाण के आधार पर हिन्दू आध्यात्मिक कवयित्री, भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त मीराबाई का जन्मदिवस है। मीराबाई एक राजपूत राजकुमारी थीं, जो मेड़ता महाराज के छोटे भाई रतन सिंह की एकमात्र संतान थीं। एक साधु द्वारा बचपन में उन्हें श्री कृष्ण की मूर्ति दिए जाने के साथ ही उनकी आजन्म कृष्ण भक्ति की शुरुआत हुई, जिनकी वह दिव्य प्रेमी के रूप में आराधना करती थीं। अपने श्री मुख से अपने आराध्य के लिये गाती-नृत्य करती और झूमती मीरा बाई ने जीवन में अनेक दुखों को सहन किया परन्तु अपने आराध्य पर अनन्य प्रेम हमेशा बनाये रखा। ’’पायो जी मैंने नाम रतन धन पायो। बस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो। जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो। खरच न खूटे चोर न लेवै, दिन-दिन बढ़त सवायो। सत की नाव खेवडिया सतगुरु, भवसागर तर आयो। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हरख-हरख जस पायो।’’अपने ठाकुर के प्रति उनका यह अनन्य प्रेम हम सभी को प्रभु के प्रति समर्पित जीवन जीने की शिक्षा देता है।