बद्रीनाथ की यात्रा के साथ चारों धाम की यात्रा का विधि विधान के साथ हुआ समापन
चमोली- बद्रीनाथ यात्रा के साथ ही चार धाम यात्रा का विधि-बिधान के साथ समापन हो गया है। 19 नवंबर को बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंची। बड़ी संख्या मे श्रद्धालुओं ने आदि गुरू शंकराचार्य जी की डोली के दर्शन किये। पुष्प बर्षा व भब्य स्वागत के साथ शीतकालीन गद्दीस्थल में विराजमान हुई आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी। रास्ते मे जगह-जगह मुख्य पुजारी रावल जी व गद्दी का जोरदार स्वागत कर फूल वर्षा की गई,गढ़वाल स्काउट के बेंड की मधुर धुनों एवं श्रद्धालुओं ने जय बदरी-विशाल के जयकारे लगाये गए, रावल और धर्माधिकारी द्वारा नृसिंह मन्दिर और नवदुर्गा मन्दिर में विशेष पूजा अर्चना व पंच पूजा की गई। इससे पहले रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी जी द्वारा विष्णु प्रयाग संगम पर पूजा-अर्चना की गई। सीमा सड़क संगठन के मारवाड़ी स्थित केंप में रावल जी का भब्य स्वागत हुआ।