स्वच्छ जीवनशैली अपनाकर सार्वभौमिक स्वच्छता की ओर बढ़े- स्वामी चिदानन्द
ऋषिकेश– परमार्थ निकेतन में राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस के अवसर पर आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य कर्मियों को स्वच्छता के विभिन्न आयामों का प्रशिक्षण दिया गया और बताया गया कि बच्चों को मिट्टी-संचारित कृमि संक्रमण का खतरा अधिक होता है इसलिये स्वच्छता, शुद्ध जल और साफ धुले हुये फल सब्जियों का उपयोग किस प्रकार किया जाये इस पर जीवा के प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि स्वच्छता के विभिन्न आयामों को अपनाकर ही हम कृमि और एनीमिया मुक्त भारत का निर्माण कर सकते है। व्यक्ति, घर, परिवार, समाज और देश में स्वच्छता को जीवनशैली के रूप में अपनाकर ही सार्वभौमिक स्वच्छता की ओर बढ़ा जा सकता है। स्वच्छता के अभाव में भारत में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सबसे अधिक मौतें होती हैं इन आंकडों को कम करने के लिये जागरूकता और सहभागिता सबसे जरूरी है। सुश्री गंगा नन्दिनी जी ने आज प्रातःकाल आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य कर्मी बहनों को स्वस्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूक करते हुये योग और ध्यान का प्रशिक्षण दिया।