दुगड्डा के बड़ी गोदी में आदमखोर गुलदार पिंजरे मैं फसा
कोटद्वार। दुगड्डा ब्लॉक के ग्राम बड़ी गोदी में मासूम बच्ची का हत्यारा गुलदार पिंजरे में कैद हुआ, गुलदार के पिंजरे में कैद होने के बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, वन विभाग घटना के अगले दिन से गुलदार को पिंजरे में कैद करने का प्रयास कर रहा था। आखिर देर रात गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। गोदी बड़ी गांव में 10 अप्रैल देर शाम को दादी के साथ खेल रही मासूम (माही उम्र 3) को गुलदार ने झपट्टा मारकर 200 मीटर गहरी खाई में ले गया था। तब ग्रामीणों के सोर मचाने पर गुलदार बच्ची को झाड़ी में छोड़ कर जंगल भाग गया था, ग्रामीणों ने घायल मासूम को हॉस्पिटल पहुँचाया जहाँ पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद से ही गांव में दहशत का माहौल बन गया था। सूचना मिलते ही वन विभाग ने गांव और गांव के आसपास गश्त बढ़ा दी थी। वन विभाग ने तत्काल गांव के आसपास और गांव आने वाले रास्ते पर 6 ट्रैपिंग कैमरे लगाए थे। साथ ही ग्रामीणों की मांग पर तीन पिंजरे गांव के आसपास लगाये थे। लेकिन दो दिन तक गुलदार पिंजरे के आसपास भी नहीं आया। ट्रैपिंग कैमरों की मदद से वन विभाग की एसओजी टीम ने गुलदार के मूमेंट का पता लगया और पिंजरों के डायरेक्शन को चेंज किया। जैसे ही पिंजरों का डायरेक्शन चेंज हुवा वैसे ही गुलदार पिंजरे में फस गया। लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह का कहना है कि यह वन विभाग के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है। 12 वर्षिय गुलदार को बिना नुकशान पहुचाये पिंजरे में कैद कर लिया गया, इस मे ट्रैपिंग कैमरो का अहम रोल रहा, जिसकी मदद से पिंजरे को बार-बार वैज्ञानिक तरीके से बदला जा रहा था और गुलदार पिंजरे में कैद हो गया, गुलदार को चिड़ियापुर रेस्क्यूँ सेंटर भेजा जा रहा है, जहां पर उसकी मेडिकल जांच होगी, उसके बाद उसे किसी चिड़ियाघर में रखने का विचार किया जाएगा, गुलदार को पिंजरे में कैद करने के लिए वन विभाग की 10 सदस्यों की टीम घटना के बाद से लगातार मौजूद थी।
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