जोशीमठ के आपदा प्रभावितों को भराड़ीसैंण के हॉस्टल में ठहराया जाएगा
जोशीमठ में आपदा के हालातों को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में दरार वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है। अभी 863 भवनों पर दरारे चिन्हित की गई हैं। हालांकि पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी हुई, 180 एलपीएम पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। आपदा प्रबंधन सचिव ने यह भी बताया की आवश्यकता पड़ी तो भराड़ीसैंण के हॉस्टल में जोशीमठ के प्रभावितों को ठहराया जाएगा। वहां पर विधायक हॉस्टल और अन्य जो भवन बने हैं उनमें प्रभावित परिवारों की सहमति से उन्हें ठहराया जाएगा। रंजीत सिन्हा ने जानकारी दी कि भराड़ीसैंण में करीब 200 परिवारों को शिफ्ट किए जाने की क्षमता है।
आपदा प्रबंधन सचिव ने यह भी बताया कि अभी तक 261 परिवारों को अंतरिम तौर पर राहत धनराशि दी जा चुकी है। वहीं आपदा प्रभावितों के लिए प्री-फैबरीकेटेड भवनों को बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। रंजीत सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार जोशीमठ के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों के साथ जोशीमठ को लेकर तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की जिसमें राहत पैकेज को लेकर भी बातचीत हुई। साथ ही प्रभावित परिवारों को भराड़ीसैंण में शिफ्ट किए जाने पर भी चर्चा हुई। ये भी बताते चलें कि जोशीमठ आपदा की वजह से बद्रीनाथ धाम की यात्रा अभी इस वक्त सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में बद्रीनाथ के लिए हेलंग बाईपास का काम शुरू करने के लिए आईआईटी रुड़की पहले परीक्षण कर रही है। जिसके बाद ही इसपर निर्णय लिया जाएगा।