नि.महापौर अनिता ममगाईं ने दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से शिष्टाचार भेंट की
नई दिल्ली /ऋषिकेश : नि. महापौर अनिता ममगाईं एक दिवसीय यात्रा के तहत राजधानी दिल्ली पहुंची। इस दौरान दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से उन्होंने शिष्टाचार भेंट की इस दौरान पुनः प्रधानमंत्री मोदी 3.0 में मंत्रालय सँभालने के लिए बधाई और शुभकामनायें दी।
मुलाकात के दौरान पवित्र नगरी ऋषिकेश की निवर्तमान महापौर अनिता ममगाई द्वारा गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब का कड़ा प्रसाद के रूप में उन्हें भेंट किया गया। इस दौरान मंत्री का आभार जताते हुए अनिता ममगाईं ने कहा जो सहयोग मंत्री जी से पूर्व में मिला है ऋषिकेश के विकास के लिए उम्मीद है वैसा ही सहयोग की अपेक्षा वह आगे भी करती हैं । दोनों के बीच मुलाकात के दौरान अनिता ममगाईं ने ऋषिकेश के विकास कार्यों से संबंधित कई बिंदुओं पर चर्चा की उन्हें हेमकुन्ट साहिब यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित भी किया परिवार सहित मंत्री जी ने इस दौरान आने के लिए अपनी सहमति भी व्यक्त की। मंत्री ने मुलाकात के दौरान आश्वासन दिया वे जब भी आयेंगे जाते समय ऋषिकेश में भी रहेंगे और मां गंगा की आरती भी करेंगे। आपको बता दें, नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में हरदीप सिंह पुरी को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के पद पर बरकरार रखा गया है।
1974 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी पुरी ने 2009 से 2013 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।इससे पहले, वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद-रोधी समिति के अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अध्यक्ष, न्यूयॉर्क में बहुपक्षवाद पर स्वतंत्र आयोग के महासचिव तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति संस्थान के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। पुरी ने नागरिक उड्डयन, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालयों का भी कार्यभार संभाला था और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था। 1973 में सेंट स्टीफन कॉलेज में इतिहास के व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले पुरी अगले वर्ष भारतीय विदेश सेवा में शामिल हो गए। राजनयिक के रूप में अपने करियर के दौरान, पुरी ने ब्राज़ील, जापान, श्रीलंका और यूनाइटेड किंगडम में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।1988 और 1991 के बीच, वे बहुपक्षीय व्यापार वार्ता के उरुग्वे दौर में विकासशील देशों की मदद के लिए UNDP/UNCTAD बहुपक्षीय व्यापार वार्ता परियोजना के समन्वयक थे।वह 1997 से 1999 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रहे, जहां उन्होंने सेना-वायु सेना-नौसेना सहयोग के लिए जिम्मेदार रक्षा योजना और समन्वय प्रभाग का नेतृत्व किया। ऐसा करने वाले वह पहले IFS अधिकारी थे। 2009 से 2013 तक पुरी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि थे। उन्होंने जून 2013 में अंतर्राष्ट्रीय शांति संस्थान में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी कार्य किया।2021 में पेट्रोलियम मंत्री का पदभार संभालने के बाद, पुरी ने लालफीताशाही को कम करने और कंपनियों के लिए तेल और गैस की खोज को आसान बनाने के उपायों में तेज़ी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह प्रयास 2030 तक 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खोज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया गया था।