BKTC के सीईओ विवादों में, गाड़ी पर हूटर और बत्ती लगाकर घूम रहे..
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार विवाद का कारण सरकारी वहां पर हूटर और पुलिस और मजिस्ट्रेट पावर रखने वाले अधिकारियों की तरह गाड़ी पर पट्टी लगाकर घूमने का है। बद्री केदार मंदिर समिति के सीईओ का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है…..
देखिए वीडियो….
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने विगत वर्ष प्रदेश कैबिनेट से कार्मिकों के लिए सेवा नियमावली पारित करवाई। सेवा नियमावली में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी पद के लिए अहर्तायें तय की गई हैं ।
सेवा नियमावली के अनुसार मंदिर समिति का CEO प्रथम श्रेणी का राजपत्रित अधिकारी होगा। उसे शासन- प्रशासन के कार्यों का अनुभव होगा। उसका पे स्केल 6600 होगा ।
सेवा नियमावली में निर्धारित अहर्ताओं के हिसाब से देखा जाए तो मंदिर समिति का CEO वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अथवा जूनियर आईएएस अधिकारी के स्तर का होना चाहिए ।
यही नहीं मंदिर समिति में शासन द्वारा एक अपर मुख्य कार्याधिकारी का पद भी सृजित किया गया है । जिसके लिए शासनादेश में स्पष्ट लिखा गया है कि वह अधिकारी 5400 ग्रेड पे का PCS अफसर होगा ।
मगर शासन ने सेवा नियमावली को ताक पर रख कर एक जूनियर स्तर के अधिकारी को मंदिर समिति का CEO नियुक्त कर दिया है । मंडी परिषद के सचिव रहे विजय प्रसाद थपलियाल सेवा नियमावली के हिसाब से बिल्कुल भी फिट नहीं बैठते हैं । थपलियाल प्रथम श्रेणी तो छोड़िए द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी भी नहीं हैं ।
थपलियाल को CEO नियुक्त किए जाने के बाद मंदिर समिति में प्रशासनिक विसंगति भी पैदा हो गई है । मंदिर समिति में अपर मुख्य कार्याधिकारी के पद पर कोई भी PCS अधिकारी जाने को तैयार नहीं है । आखिर कोई भी PCS अधिकारी किसी अपने से कनिष्ठ ग़ैर राजपत्रित अधिकारी के नीचे कैसे काम कर सकता है ।
विजय थपलियाल अपने सरकारी वाहन पर हूटर और पुलिस और मजिस्ट्रेटी पॉवर रखने वाले अधिकारियों की तरह बत्ती लगा कर घूमते हैं ।
जबकि मंदिर समिति के CEO को वाहन पर हूटर और बत्ती लगाने का कोई अधिकार नहीं है । थपलियाल से पूर्व में मंदिर समिति में CEO के पद पर वरिष्ठ PCS अधिकारी योगेन्द्र सिंह तैनात थे । योगेंद्र सिंह के समय यात्राकाल के लिए उन्हें मजिस्ट्रेटी अधिकार देने के लिए शासन से अलग से आदेश जारी हुए थे ।
जब पीसीएस अधिकारी के लिए मजिस्ट्रेटी पॉवर देने के लिए शासन अलग से आदेश जारी करता है तो फिर एक गैर राजपत्रित अधिकारी अपने वाहन पर कैसे हूटर और बत्ती का प्रयोग कर सकता है?