हर की पौड़ी पर गूंजे वेदों के मंत्र, अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव बना ऐतिहासिक आयोजन

हरिद्वार की पावन धरती पर 62वें अखिल भारतीय शास्त्रोत्सव का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से आए हजारों विद्वानों और श्रद्धालुओं ने एक साथ शास्त्र श्रवण कर भारतीय संस्कृति की दिव्यता को सजीव किया। गंगा आरती के दौरान दीपों की झिलमिलाहट और वेदों की गूंज ने हर की पौड़ी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। पतंजलि विश्वविद्यालय की मेजबानी में आयोजित इस समारोह में वेद, योग और शास्त्रों के संदेश को विश्वभर में प्रचारित करने का संकल्प लिया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में योग ऋषि स्वामी रामदेव ने वेदों को भारत का गौरव बताते हुए सनातन संस्कृति के उत्थान का आह्वान किया, जबकि पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने वेदों को केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला बताया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने इसे विश्व कीर्तिमान बताते हुए संस्कृत और भारतीय ज्ञान परंपरा के पुनर्जागरण की आवश्यकता पर बल दिया।