उत्तराखंड में मौजूद पंच केदारों में से एक मद्महेश्वर धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले

उत्तराखंड के पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व प्रसिद्ध और सुरम्यी मखमली बुग्यालों के बीच बसे भगवान मद्महेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ खोल दिए गए हैं। इस मौके पर 667 तीर्थ यात्री कपाट खुलने के साक्षी बने. साथ ही पूजा-अर्चना और जलाभिषेक कर विश्व शांति व समृद्धि की कामना की. भगवान मद्महेश्वर के कपाट खुलते ही यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है। 21 मई को ब्रह्म बेला पर गौंडार गांव में मदमहेश्वर या मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिवलिंग ने पंचांग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपन्न कर भगवान मदमहेश्वर समेत तैंतीस कोटी देवी-देवताओं का आह्वान किया. जिसके तहत सुबह 5 बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी गई. फिर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से कैलाश के लिए रवाना हुई।
तो वहीं भगवान मद्महेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं और मंत्रोच्चार के साथ ठीक 11:10 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने के बाद पंडित कलाधर सेमवाल ने परंपरानुसार शुद्धिकरण यज्ञ किया। जबकि, सैकड़ों भक्तों ने भगवान मदमहेश्वर के स्वयंभू लिंग पर जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की।