अहमदाबाद में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए शतरंज प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

खेल दिवस के अवसर पर वस्त्रपुर स्थित प्रज्ञाचक्षु मंडल में आयोजित शतरंज प्रतियोगिता में लगभग 40 दृष्टिबाधित विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें अंधजन मंडल के विद्यार्थी, मेमनगर स्थित अंध कन्या प्रकाश गृह के विद्यार्थी और नवरंगपुरा स्थित अंधशाला के विद्यार्थी शामिल थे। अंधजन मंडल के माध्यम से इस शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कई विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं में भी भाग ले चुके हैं और पदक भी प्राप्त कर चुके हैं। वही सितंबर 2024 अंतर्राष्ट्रीय जूनियर शतरंज खिलाड़ी में भाग लेने वाले राहुल वाघेला ने दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए शतरंज के बारे में बताया कि, दृष्टिबाधित शतरंज सामान्य शतरंज से थोड़ा अलग होता है. इस शतरंज बोर्ड को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हम स्पर्श से ही बक्सों की पहचान कर लेते हैं. शतरंज एकमात्र ऐसा खेल है जिसे दृष्टिबाधित और दृष्टिबाधित दोनों ही बिना किसी नियम को तोड़े खेल सकते हैं. शतरंज प्रतियोगिता दृष्टिबाधित व्यक्तियों को समाज में स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।