प्रदेश के पर्वतीय जिलों में हो रहे संचालित प्राइवेट अस्पतालो को जोड़ा जाएगा आयुष्मान योजना से
उत्तराखंड : पर्वतीय जिलों में संचालित छोटे प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान योजना से जुड़ेंगे। पर्वतीय जिलों में कवरेज बढ़ाने के लिए आयुष्मान सोसायटी ने यह निर्णय लिया है। राज्य में आयुष्मान योजना के तहत अभी कुल 175 के करीब अस्पताल जुड़े हैं। जिसमें से अधिकतर अस्पताल मैदानी जिलों में हैं। इस वजह से पर्वतीय जिलों के मरीजों को भी इलाज के लिए मैदान के अस्पतालों में ही आना पड़ता है। वैसे तो राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राइवेट अस्पताल बहुत कम हैं। लेकिन जो हैं भी उनमें से भी अधिकांश अस्पताल योजना से जुड़े हुए नहीं हैं। इस वजह से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है और उन्हें बहुत मामूली इलाज के लिए भी दून और हल्द्वानी के अस्पतालों में आना पड़ रहा है।इस परेशानी को देखते हुए आयुष्मान सोसायटी पहाड़ में इलाज की सुविधा दे रहे प्राइवेट अस्पतालों को भी योजना से जोड़ने जा रही है। आयुष्मान सोसायटी के चेयरमैन डीके कोटिया ने बताया कि पर्वतीय जिलों में उन छोटे अस्पतालों को भी चिह्नित किया जा रहा है जहां लोग बीमारियों का इलाज कराते हैं लेकिन वह अस्पताल अभी योजना से नहीं जुड़े हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि पहाड़ में बहुत सीमित अस्पताल होने की वजह से योजना से कम अस्पताल जुड़े हुए हैं और इसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आयुष्मान योजना अभी तक सिर्फ आम लोगों के लिए थी। इसलिए प्राइवेट अस्पताल योजना में बहुत अधिक रुचि नहीं दिखा रहे थे। लेकिन अब सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के योजना में शामिल होने के बाद प्राइवेट अस्पतालों के लिए योजना से जुड़ जाना मजबूरी हो जाएगा। आयुष्मान सोसायटी प्राइवेट अस्पतालों के साथ बातचीत कर रही है और सरकारी कर्मचारियों के लिए योजना शुरू होते ही कई बड़े प्राइवेट अस्पताल योजना से जुड़ जाएंगे